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    Laddu Gopal: ज्येष्ठ माह में इस तरह करें लड्डू गोपाल की सेवा, पूजा का मिलेगा शुभ फल

    Updated: Sat, 17 May 2025 02:42 PM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार 13 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हुई है। इस माह में लड्डू गोपाल की विशेष सेवा की जाती है। साथ ही सेवा के दौरान नियम का पालन करना चाहिए। इससे लड्डू गोपाल प्रसन्न होते हैं और पूजा सफल होती है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह में कैसे करें लड्डू गोपाल (Laddu Gopal Seva Niyam) की सेवा।

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    Laddu Gopal Seva Niyam: कैसे करें लड्डू गोपाल की सेवा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व है। इस माह में अधिक गर्मी पड़ती है, तो ऐसे में लड्डू गोपाल की सेवा का खास ध्यान रखना चाहिए। लड्डू गोपाल की सेवा बाल स्वरूप में की जाती है। लड्डू गोपाल की सेवा के दौरान कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इससे साधक को लड्डू गोपाल की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही पूजा का शुभ फल मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ माह में लड्डू गोपाल (laddu gopal ki seva kaise kare) की सेवा के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए।

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    इस तरह करें लड्डू गोपाल की सेवा

    ज्येष्ठ माह में रोजाना सुबह उठकर स्नान करने के बाद लड्डू गोपाल को घंटी बजाकर उठाएं। इसके बाद मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। लड्डू गोपाल का स्नान करें और वस्त्र पहनांए। इसके बाद माथे पर चंदन का तिलक लगाएं और विशेष शृंगार करें। दीपक जलाकर आरती करें। फल, मिठाई और माखन-मिश्री का भोग लगाएं। भोग में तुलसी के पत्ते शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पत्ते शामिल न करने से लड्डू गोपाल को भोग को स्वीकार नहीं करते हैं।

    इन बातों का रखें ध्यान

    गर्मी के दौरान लड्डू गोपाल को ठंडा जल पिलाना करना चाहिए। रोजना हल्के कपड़े पहनाने चाहिए। फूलों की माला पहनाएं, जिससे उन्हें ठंडक मिलती रही है।

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    भोग के दौरान करें इस मंत्र का जप

    लड्डू गोपाल को भोग लगाते समय त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।

    इस मंत्र का अर्थ है कि हे गोविंद, जो भी कुछ मेरे पास है, वह सब आपका ही दिया हुआ है, इससे में आपको भोग के रूप में अर्पित करता हूं।

    भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र

    1. ॐ कृष्णाय नमः

    2. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।

    हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।

    3. ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः

    4. ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात

    5. ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।

    सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।

    6. ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय

    परेशानियी दूर करने वाला मंत्र

    हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन।

    आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन।।

    7. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

    विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।।

    लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

    वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।