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Prerak Kahani : दर्जी ने अपने बेटे को दी सीख, हमेशा जोड़ने का काम करो तोड़ने का नहीं

Prerak Kahani बेटा जीवन में काटने वाले की जगह हमेशा नीचे होती है। वही जोड़ने वाले की जगह हमेशा ऊपर होता है। यही कारण है कि कैंची की जगह नीचे पैरों में है और सुई की जगह ऊपर टोपी में।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 10:00 AM (IST)
दर्जी ने अपने बेटे को दी सीख, हमेशा जोड़ने का काम करो तोड़ने का नहीं

Prerak Kahani : हमें अपने जीवन में हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। सभी को जोड़ने से व्यक्ति के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। हमारे मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है। व्यक्ति को हमेशा समाजिक कार्यों में परोपकार का कार्य करना चाहिए। तोड़ने वाले बहुत मिल जाते हैं पर जोड़ने वालों की संख्या बहुत कम है। आज हम समाज को जोड़ने की सीख देने वाले दर्जी की कहानी का वर्णन करेंगे।

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एक दर्जी बहुत ही नेक दिल का आदमी था। एक दिन उसके लड़के की छुट्टी हुई, तो वह सीधा दर्जी के पास आ गया। पापा की दुकान पर पहुंच कर उसने उन्हें काम करते हुए देखा। उसका ध्यान पापा के काम पर था। लड़के ने देखा कि पापा कैंची से कपड़े काटकर उसे पैरों में दबा लेते हैं और जब उसी कपड़े को सिलकर वो सुई को अपने टोपी में लगा रहे थे।

इस प्रक्रिया को दर्जी का लड़का लगातार देख रहा था। उसने अपने पापा को कई बार यह करते हुए देखा। लड़का यह देखकर काफी हैरान हो रहा था, उसे यह नहीं समझ आ रहा था कि पापा ऐसा क्यों कर रहे हैं। अंत में जब उससे नहीं रहा गया तो उसने अपने पापा से पूछ ही लिया कि आप कपड़ा काटकर उसे पैरों में दबा ले रहे हैं और सुई से सिलकर उसे टोपी में लगा ले रहे है। ऐसा क्यो?

लड़के पिता ने अपने बेटे को समझाते हुए कहा कि बेटा कैंची काटने का काम करती है और सुई जोड़ने का काम करती है। बेटा जीवन में काटने वाले की जगह हमेशा नीचे होती है, वहीं जोड़ने वाले की जगह हमेशा ऊपर होती है। यही कारण है कि कैंची की जगह नीचे पैरों में है और सुई की जगह ऊपर टोपी में है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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