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Ganga Saptami 2024 Date: मई में इस दिन मनाई जाएगी गंगा सप्तमी, अभी नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा सप्तमी का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान के साथ कुछ मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। चलिए जानते हैं गंगा सप्तमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Sat, 27 Apr 2024 03:41 PM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2024 03:41 PM (IST)
Ganga Saptami 2024 Date: मई में इस दिन मनाई जाएगी गंगा सप्तमी, अभी नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Saptami 2024 Date: पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। गंगा सप्तमी को हर साल मां गंगा के सृष्टि पर प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर गंगा स्नान के साथ दान-पुण्य करने का बेहद खास महत्व है। इस बार वैशाख माह में गंगा सप्तमी 14 मई को मनाई जाएगी। गंगा सप्तमी को गंगा जयंती और गंगा पूजन के नाम से जाना जाता है। चलिए जानते हैं गंगा सप्तमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

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गंगा सप्तमी 2024 शुभ मुहूर्त (Ganga Saptami 2024 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 14 मई को को सुबह 02 बजकर 50 मिनट पर होगा और इसका समापन 15 मई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में गंगा सप्तमी पर्व 14 मई को मनाया जाएगा और इस दिन मध्याह्न मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से लेकर 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

गंगा सप्तमी पूजा विधि (Ganga Saptami Puja Vidhi)

गंगा सप्तमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करें। अगर ऐसा संभव न हो तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल में मिलाकर स्नान करें। इसके पश्चात मां गंगा की तस्वीर पर या गंगा नदी में फूल, सिंदूर, अक्षत, गुलाल,लाल फूल, लाल चंदन अर्पित कर दें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर आरती करें। इसके बाद जीवन में सुख और शांति के लिए मां गंगा से प्रार्थना करें। धार्मिक मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान करने से इंसान को सभी पापों से मटकी मुक्ति हैं। सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ रोगों से छुटकारा मिलता है और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मां गंगा मंत्र

  • गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
  • गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं। त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।।
  • गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानां शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोकं स गच्छति॥

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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