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संगम तट पर पंचाग्नि तपस्या आरंभ

संगम तीरे चल रहे धर्म-कर्म के मेला में अजब-गजब रंग देखने को मिल रहे हैं। इसके तहत वसंत पंचमी के पावन पर दर्जनों तपस्वियों ने जनकल्याण के लिए पंचाग्नि धुनि साधना आरंभ कर दी है। खाकचौक के अनेक शिविरों में गोरखपुर जिला के हरिहरपुर स्थित रामजानकी मंदिर के दर्जनभर तपस्वी

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sun, 25 Jan 2015 12:46 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jan 2015 02:49 PM (IST)
संगम तट पर पंचाग्नि तपस्या आरंभ

इलाहाबाद, जागरण संवाददाता। संगम तीरे चल रहे धर्म-कर्म के मेला में अजब-गजब रंग देखने को मिल रहे हैं। इसके तहत वसंत पंचमी के पावन पर दर्जनों तपस्वियों ने जनकल्याण के लिए पंचाग्नि धुनि साधना आरंभ कर दी है।

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खाकचौक के अनेक शिविरों में गोरखपुर जिला के हरिहरपुर स्थित रामजानकी मंदिर के दर्जनभर तपस्वी धुनि रमा चुके हैं। अग्नि के पांच घेरे बनाकर उसके अंदर बैठकर वे एकाग्रभाव से तप कर रहे हैं। वे सिर पर घड़े में अग्नि रखकर साधना में लीन हैं।

यह अद्भुत साधना दो दिन तक चलेगी। इसके बाद साधक अपने मठ-मंदिरों में लौट जाएंगे, वहां रहकर निरंतर तप में लीन रहेंगे। फिर गंगा दशहरा पर हवन-पूजन कर धुनि को गंगा में विसर्जित करने पर साधना पूरी होगी। ऐसी मान्यता है कि पंचाग्नि तपस्या के पूरी होने पर साधक को अद्भुत फल की प्राप्ति होती है।

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