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आश्रम छोड़ भागे आसाराम समर्थक

रुद्रपुर गांव स्थित आसाराम बापू आश्रम से बाहरी साधकों को प्रशासन ने हटा दिया। शनिवार देर रात की गई कार्रवाई में आधा दर्जन साधक बोरिया-बिस्तर समेटकर चले गए। अब सिर्फ गोरखपुर के एक साधक को प्रशासन ने गाय और बछड़े की सेवा के साथ आश्रम की देखरेख के लिए छोड़ा है। ग्रामीणों ने गोरखपुर के सेवादार को भी हट

By Edited By: Published: Mon, 09 Sep 2013 01:14 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2013 01:18 PM (IST)

शाहजहांपुर। रुद्रपुर गांव स्थित आसाराम बापू आश्रम से बाहरी साधकों को प्रशासन ने हटा दिया। शनिवार देर रात की गई कार्रवाई में आधा दर्जन साधक बोरिया-बिस्तर समेटकर चले गए।

अब सिर्फ गोरखपुर के एक साधक को प्रशासन ने गाय और बछड़े की सेवा के साथ आश्रम की देखरेख के लिए छोड़ा है। ग्रामीणों ने गोरखपुर के सेवादार को भी हटाने के लिए आश्रम को घेर कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस की सख्ती पर ग्रामीण अंदर नहीं घुसे, लेकिन उन्होंने नहर रोड पर जाकर आश्रम का बोर्ड तोड़ दिया। नारेबाजी कर आसाराम का पुतला फूंका। जोधपुर में आसाराम बापू की हैवानियत की शिकार नाबालिग की पीड़ा बांटने के लिए शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधिमंडल बहादुर बेटी के घर पहुंचा था। इस दौरान पीड़िता के पिता ने आसाराम के आश्रम में मौजूद समर्थकों को हटाए जाने की मांग की थी।

प्रतिनिधिमंडल की सिफारिश पर प्रशासन ने शनिवार देर रात बाहरी लोगों को आसाराम आश्रम छोड़ने को विवश कर दिया। लेकिन उन्होंने व्यवस्था व गाय-बछड़े की सेवा के लिए गोरखपुर के सेवादार को वहां बने रहने दिया। ग्रामीण उसे भी हटाना चाहते थे लेकिन पीड़िता के पिता व पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया। ग्रामीणों का आक्त्रोश देख पीड़िता के पिता ने एसडीएम सदर जयनाथ यादव से बात की। एसडीएम ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए कहा कि विधिक तरीके से आश्रम को आसाराम के समर्थकों से मुक्त करा दिया जाएगा।

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