गंगा की निर्मलता को फिर होगी पदयात्रा
उमा भारती एक और गंगा यात्रा को तैयार हैं। गंगा को अविरल और निर्मल बनाने की मुहिम को और धार देने के लिए उमा भारती गंगा सागर से गंगोत्री तक पदयात्रा करेंगी। इस दौरान वह गांवों में ही रुकेंगी और गंगा के किनारे बसे गांवों में 11 सदस्यों की गंगा चौकियों का गठन करेंगी। यह चौकियां गंगा के प्रति लोगों को जागरूक करेंगी और गंगा की स्थानीय स्तर पर रक्षा करेंगी। चौकियों की जिम्मेदारी होगी के गंगा में पोलिथिन आदि न डाले जाएं।
इलाहाबाद, जागरण संवाददाता। उमा भारती एक और गंगा यात्रा को तैयार हैं। गंगा को अविरल और निर्मल बनाने की मुहिम को और धार देने के लिए उमा भारती गंगा सागर से गंगोत्री तक पदयात्रा करेंगी। इस दौरान वह गांवों में ही रुकेंगी और गंगा के किनारे बसे गांवों में 11 सदस्यों की गंगा चौकियों का गठन करेंगी। यह चौकियां गंगा के प्रति लोगों को जागरूक करेंगी और गंगा की स्थानीय स्तर पर रक्षा करेंगी। चौकियों की जिम्मेदारी होगी के गंगा में पोलिथिन आदि न डाले जाएं।
उमा भारती ने बताया कि अभी तक 21 हजार लोगों ने गंगा चौकी का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है। इसी कड़ी में पदयात्रा और गंगा की स्थिति आदि पर मंथन के लिए शनिवार को उमा भारती विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल से मिलीं। उनसे समग्र गंगा यात्रा आदि पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके बाद वह सपा सांसद रेवती रमण सिंह से भी मिलीं। रेवती रमण ने उमा भारती से गंगा मुद्दे पर हर स्तर पर समर्थन करने और संसद में इस बात को रखने की बात कहीं। इसके बाद साध्वी ने विहिप संरक्षक अशोक सिंहल से मुलाकात कर आंदोलन को प्रभावी बनाने के लिए मार्गदर्शन और आशीर्वाद मांगा।
गंगा की तरह पवित्र रखें स्त्रियों के प्रति भाव
देशभर में स्त्रियों के प्रति बढ़ रही हिंसा और दुष्कर्म की घटनाओं पर उमा भारती ने कहा कि समाज को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। लोगों को स्त्रियों के प्रति गंगा जैसा पवित्र भाव रखना चाहिए। सरकार को सुरक्षात्मक रवैया तो समाज को सम्मान का रवैया अपनाना पड़ेगा तभी महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार कम होगा।
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