Vijaya Ekadashi Katha 2020: कार्य सफलता के लिए करें विजया एकादशी व्रत, पढ़ें भगवान श्रीराम से जुड़ी कथा
Vijaya Ekadashi Katha 2020 आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं या किसी विशेष कार्य को सफल बनाना चाहते हैं तो आपको विजया एकादशी व्रत करना चाहिए।
Vijaya Ekadashi Katha 2020: आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, या किसी विशेष कार्य को सफल बनाना चाहते हैं तो आपको विजया एकादशी व्रत करना चाहिए। विजया एकादशी व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है, इस वर्ष यह आज के दिन बुधवार को है। आज व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की आराधना करने से आपको अपने इच्छित कार्य में सफलता प्राप्त होती है। विजया एकादशी व्रत के महत्व को इस बात से समझ सकते हैं कि भगवान श्रीराम ने भी लंका पर विजय प्राप्ति के लिए विजया एकादशी व्रत रखा था और विधि विधान से पूजा अर्चना की थी।
विजया एकादशी व्रत कथा
एक बार धर्मराज युद्धिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से विजया एकादशी व्रत के महत्व के बारे में जानने के इच्छा व्यक्त की थी। तब श्रीकृष्ण ने उनको बताया कि सबसे पहले देवर्षि नारद जी ने ब्रह्मा जी से फाल्गुन कृष्ण एकादशी व्रत और उसकी कथा के बारे में जाना था। भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि त्रेता युग में जब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया तो भगवान श्रीराम ने सुग्रीव की वानर सेना के साथ लंका पर चढ़ाई करने के लिए समुद्र तट पर पहुंचे। लंका पर चढ़ाई करने में विशाल समुद्र एक बड़ी बाधा थी। उन्हें कुछ रास्ता सूझ नहीं रहा था।
तब उन्होंने समुद्र से लंका जाने के लिए रास्ता मांगा, लेकिन समुद्र ने नहीं दिया। तब उन्होंने ऋषि-मुनियों से इसका उपाय पूछा। तब उन्होंने बताया कि आप वानर सेना के साथ फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत यानी विजया एकादशी व्रत करें। उन्होंने बताया कि कोई भी शुभ कार्य करने से पूर्व व्रत एवं अनुष्ठान करने की परंपरा है, इससे कार्यसिद्धि होती है। आपको भी ऐसा ही करना चाहिए।
ऋषि-मुनियों के सुझाव पर भगवान राम ने पूरी वानर सेना के साथ विधि विधान से विजया एकादशी व्रत किया। व्रत के प्रभाव से समुद्र ने उनको लंका जाने के लिए मार्ग प्रशस्त किया। इस व्रत के प्रभाव से भगवान श्रीराम रावण पर विजय प्राप्त करने में सफल रहे। तब से ही विजया एकादशी व्रत का महत्व और भी बढ़ गया। इसका गुणगान आज भी होता है।
अपने विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए जन साधारण भी प्रत्येक वर्ष विजया एकादशी का व्रत करते हैं और विधि विधान से भगवान विष्णु की आराधना करते हैं।