Vijaya Ekadashi 2020: आज विजया एकादशी व्रत करने से होता है शत्रुओं का दमन, जानें मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व
Vijaya Ekadashi 2020 फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है जो आज है।
Vijaya Ekadashi 2020: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो इस वर्ष 19 फरवरी दिन बुधवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। विजया एकादशी, जैसा नाम से ही प्रतीत होता है कि विजया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को उसके कार्यों में विजय प्राप्त होती है। विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से आराधना करने पर शत्रुओं की पराजय होती है। आपके शत्रु अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पाते हैं, उन पर आपकी विजय होती है।
विजया एकादशी मुहूर्त
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 18 फरवरी दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर हो रहा है, जो 19 फरवरी दिन बुधवार को दोपहर 03 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। एकादशी व्रत बुधवार को रखा जाएगा और पारण अगले दिन सुबह होगा।
विजया एकादशी पारण मुहूर्त
विजया एकादशी व्रत के पारण का समय गुरुवार को सुबह 06 बजकर 56 मिनट से 09 बजकर 11 मिनट तक है। व्रत करने वाले लोगों को पारण के लिए 2 घंटे से अधिक का समय मिलेगा।
विजया एकादशी व्रत एवं पूजा विधि
एकादशी के दिन स्नान के बाद भगवान विष्णु की आराधना विधिपूर्वक की जाती है। पूजा में सप्त धान्य घट स्थापना की जाती है। सात धान्यों में गेंहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर शामिला होता है। सप्त धान्य घट पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। फिर पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, फूल, फल, तुलसी और नारियल भगवान को अर्पित करें। इसके पश्चात दिनभर फलाहार करते हुए रात्रि में विष्णु पाठ करें और रात्रि जागरण करें।
द्वादशी तिथि को प्रात:काल अन्न से भरा घड़ा ब्राह्मण को दान करें। स्नान आदि के बाद भगवान की पूजा करें और पारण मुहूर्त में व्रत खोलें।
विजया एकादशी व्रत का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विजया एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को स्वर्ण दान, भूमि दान, अन्नदान और गौदान से अधिक पुण्य प्राप्त होता है। इस व्रत को करने से जीवन में सफलता मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।