ऐसे करें गणपति का पूजा पाठ, 10 दिन तक धरती पर रहता है वास
गणेश महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि 10 दिनों तक गणेश जी का वास धरती पर रहता है। ऐसे में इन दिनों गणेश जी की विधिवत पूजा पाठ से पूरी होगी हर मुराद...
हर मनोकामना पूरी करते
आजकल गणेश महोत्सव की धूम हर जगह है। गणेश चतुर्थी से शुरू हुए और अनंत चतुर्दर्शी तक चलने वाले 10 दिवसीय महोत्सव में माना जाता है कि इन दिनों गणेश जी साक्षात धरती पर रहते हैं। गणेश चतुर्थी पर अपने जन्म दिन के शुभअवसर वह कैलाश पर्वत छोड़कर भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं। जिससे धरती पर भक्तगण उनका भव्य स्वागत करते हैं। इस दौरान आदिपूज्य भगवान लंबोदर, व्रकतुंड, विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति जैसे नामों से पुकारे जाने वाले गणेश जी विधिवत पूजा करने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। 11वें दिन विसर्जन तक आह्वाहन करने वाले वाले भक्तों पर गणेश जी विशेष कृपा बरसाते हैं।
इन नामों का जाप करना भूलें
गणेश महोत्सव के दौरान स्थापित गणपति प्रतिमा की हर दिन विधिविधान से पूजा करनी चाहिए। हर दिन सुबह स्नान आदि के बाद गणेश जी की आराधना शुरू करें। इस दौरान भगवान गजानन को जल अर्पित करने के बाद लाल फूल चढाएं। इतना ही नहीं दूर्वा, नारियल, लाल चंदन, धूप और अगरबत्ती से उनकी पूजा करें। भगवान गजानन को अति प्रिय मोदक का भोग लगाएं। इसके बाद गणेश जी की दोना टाइम विधिवत आरती करें। इस दौरान गणेश जी के इन नामों का जाप करना भूलें। गणपति, सुमुख, एकदन्त, कपिल, गजकर्ण, लम्बोदर, विकट, विनायक, धूम्रकेतुगणाध्यक्ष, भालचन्द्र, गजानन, विघ्ननाशन हैं।