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Ganesh Chaturthi 2019 Puja: गणेश चतुर्थी पर गणपति को अर्पित करें ये 2 प्रमुख चीजें, जानें मंत्र, पूजा विधि एवं महत्व

Ganesh Chaturthi 2019 Puja गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। वह भक्तों के दुखों को हर लेते हैं और उनकी मनोकानाओं की पूर्ति करते हैं।

By kartikey.tiwariEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 01:28 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 01:45 PM (IST)
Ganesh Chaturthi 2019 Puja: गणेश चतुर्थी पर गणपति को अर्पित करें ये 2 प्रमुख चीजें, जानें मंत्र, पूजा विधि एवं महत्व
Ganesh Chaturthi 2019 Puja: गणेश चतुर्थी पर गणपति को अर्पित करें ये 2 प्रमुख चीजें, जानें मंत्र, पूजा विधि एवं महत्व

Ganesh Chaturthi 2019 Puja: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 02 सितंबर दिन सोमवार को है, इस दिन हरतालिका तीज भी मनाई जाएगी। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। वह भक्तों के दुखों को हर लेते हैं और उनकी मनोकानाओं की पूर्ति करते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन हम यदि उनको उनकी पसंद की दो चीजें दूर्वा और मोदक अर्पित करते हैं, तो वे काफी प्रसन्न होते हैं।

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गणेश चतुर्थी पूजा विधि

गणेश चतुर्थी के दिन प्रात: दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होने के पश्चात स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसे उपरांत पूजा घर में जाएं। 'मम सर्वकर्मसिद्धये सिद्धिविनायकपूजनमहं करिष्ये' मंत्र से संकल्प करें।

इसके बाद पूजा की चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर 'स्वस्तिक' बनाएं और भगवान गणपति की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर उनको फूल, अक्षत्, चंदन, धूप आदि अर्पित करें। इसके पश्चात विघ्नहर्ता गणेश जी को 21 दूर्वा अर्पित करें। ध्यान रहे कि उनके 10 नाम हैं, प्रत्येक नाम का स्मरण कर उनको दो दूर्वा चढ़ाएं। इसके बाद अंतिम बचा हुआ दूर्वा वरदगणेश को अर्पित करें।

गणपति के 10 नाम

गणाधिप, उमापुत्र, अघनाशक, विनायक, ईशपुत्र, सर्वसिद्धिप्रद, एकदन्त, इभवक्त्र, मूषकवाहन और कुमारगुरु।

वरदगणेश को अंतिम दूर्वा चढ़ाने के बाद धूप, दीपादि से पूजा सम्पन्न करें। अन्त में गणेश जी को घी में बने 21 मोदक अर्पित करें।

Ganesh Chaturthi 2019: 02 सितंबर को गणेश चतुर्थी, चंद्र दर्शन से बनेंगे कलंक के भागी

'विघ्नानि नाशमायान्तु सर्वाणि सुरनायक।

कार्यं मे सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि।।'

मंत्र से प्रार्थना करें और प्रसाद स्वरूप मोदकादि वितरण करने के बाद भोजन करें। इस दिन भूलकर भी चंद्र दर्शन न करें। यदि आपने चंद्र दर्शन किया तो आप पर मिथ्या आरोप या कलंक लग सकता है।

- ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र


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