Rajasthan Politics, : सतीश पूनिया बोले, कांग्रेस सरकार मस्त-अन्न्दाता त्रस्त
Satish poonia. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी के कारण हाडौती क्षेत्र सहित पूरे राजस्थान का अन्नदाता किसान बेहद त्रस्त है।
राज्य ब्यूरो, जयपुर। Satish poonia. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने राजस्थान सरकार पर अन्नदाता किसान की आवाज को अनसुनी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जहां राजस्थान का किसान बेहाल है, वहीं मुख्यमंत्री अपने मंत्रीमंडल के साथ दिल्ली के रामलीला मैदान में राहुल गांधी की हाजिरी लगाने में व्यस्त हैं और गहलोत सरकार किसानों की अनदेखी कर दिल्ली दरबार में अपने नंबर बढ़ाने में मस्त है।
डॉ. पूनिया ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी के कारण हाडौती क्षेत्र सहित पूरे राजस्थान का अन्नदाता किसान बेहद त्रस्त है। सरकार यूरिया उपलब्ध कराने की बजाय हाडौती क्षेत्र में खाद विक्रेताओं द्वारा अटैचमेंट के नाम पर किसानों को डीएपी लेने के लिए बाध्य करके करोड़ों रुपये की कालाबाजारी का खेल खेला जा रहा है। सरकार अन्नदाता की इस समस्या को अनदेखा कर रही है।
डॉ. पूनिया ने अन्नदाता किसानों के पक्ष में आवाज उठाते हुए कहा कि प्रदेश में हालात इस कदर नियंत्रण के बाहर हो चुके हैं कि खाद विक्रेताओं के यहां किसानों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन कालाबाजारी के चलते अन्नदाता को यूरिया उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। झालावाड़ जिले में एक किशोरी जो घंटो से यूरिया लेने के लिए लाइन में खड़ी थी, वो हैरान और परेशान होकर बेहोश हो गई। लेकिन प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ा।
डॉ. पूनियां ने कहा कि इस कड़ाके की ठंड में करीब 10-12 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में किसानों को सुबह 4.00 बजे उठकर ही खाद विक्रेताओं के यहां लाइन में लगना पड़ रहा है। लेकिन घंटो लाइन में लगे होने के बावजूद भी गरीब अन्नदाता को एक कट्टा यूरिया भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
डॉ. पूनियां ने अन्नदाता किसानों की राजस्थान सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी पर कहा कि प्रदेश में यूरिया की कालाबाजारी चरम पर है। एक ओर जहां गरीब किसानों का मददगार बनने का झूठा प्रचार करने वाली राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री दोनों के ही बीच दिल्ली दरबार में नम्बर बढ़ाने की प्रतियोगिता चल रही है। वहीं, इस जनविरोधी सरकार के द्वारा की जा रही उपेक्षा के कारण अन्नदाता किसान अपने आपको ठगा-सा महसूस कर रहा है।
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