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Rajasthan Politics: नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ गैर भाजपाई सरकारों को एकजुट करेंगे अशोक गहलोत

Citizenship Amendment Bill. नागारिकता संशोधन बिल के खिलाफ देशभर में चलाए जाने वाले अभियान को लेकर गहलोत को पार्टी नेतृत्व ने जिम्मेदारी सौंपी है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 12:13 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 12:13 PM (IST)
Rajasthan Politics: नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ गैर भाजपाई सरकारों को एकजुट करेंगे अशोक गहलोत
Rajasthan Politics: नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ गैर भाजपाई सरकारों को एकजुट करेंगे अशोक गहलोत

जयपुर, जागरण संवाददाता। Citizenship Amendment Bill. नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ गैर भाजपाई राज्य सरकारों एवं दलों के नेताओं को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एकजुट करेंगे। राजस्थान सहित कांग्रेस शासित पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से पिछले चार दिन में गहलोत की टेलीफोन पर बात हुई। इसके बाद दिल्ली जाकर कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं से उन्होंने मुलाकात की।

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गहलोत अब आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पंवार, शरद यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, राजद नेता तेजप्रताप यादव, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल सहित कई पार्टियों के नेताओं से चर्चा कर देश में नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ माहौल बनाएंगे। इसके लिए विभिन्न शहरों में प्रेस कांफ्रेंस और सभाएं कर लोगों को इसके बारे में बताया जाएगा। वैसे पंजाब, केरल, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ यह बिल लागू करने से इन्कार कर चुके हैं। लेकिन गहलोत विभिन्न पार्टियों एवं कांग्रेस के नेताओं के साथ मिलकर देशभर में बिल के खिलाफ माहौल तैयार करने का काम करेंगे।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, नागारिकता संशोधन बिल के खिलाफ देशभर में चलाए जाने वाले अभियान को लेकर गहलोत को पार्टी नेतृत्व ने जिम्मेदारी सौंपी है। शनिवार को जयपुर में एक बयान जारी कर गहलोत ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूरे देश में लागू होने वाला नहीं है। यह कानून प्रैक्टिकल नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बिल धार्मिक सौहार्द के खिलाफ है। गहलोत ने दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की रैली को संबोधित करने के बाद जोधपुर हाउस में मीडिया से बात की और फिर बयान जारी किया।

उधर, राज्य गृह एवं विधि विभाग के अधिकारी शनिवार को अवकाश के बावजूद बिल को लेकर रणनीति बनाते हुए नजर आए। प्रदेश में बिल को लागू नहीं करने की मुख्यमंत्री की मंशा को देखते हुए अधिकारियों ने विधि विशेषज्ञों के साथ शनिवार को लगातार दूसरे दिन बात की।

नागरिकता के नए आवेदन आने शुरू

नागरिकता संशोधन बिल संसद में पारित होने के बाद पाक सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले में पाक विस्थापितों को शीघ्र एवं सुगम नागरिकता मिलने की उम्मीद बंधी है। शुक्रवार को बाड़मेर जिला प्रशासन के समक्ष सात पाक विस्थापितों ने नागरिकता के लिए आवेदन किए। वहीं, 26 पुराने आवेदक भी जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और नागरिकता देने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया। जिला कलेक्टर अंशदीप ने बताया कि पुराने आवेदनों में जो कमी है उसे पूरी कराई गई है।

कई जगह विरोध प्रदर्शन

बिल के विरोध में प्रदेश के झुंझुनूं,टोंक और अलवर में मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रदर्शन किए। समाज के लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रही है। झुंझुनूं में प्रदर्शन के दौरान जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना शब्बीर और महमूद मदनी ने कहा कि यदि धर्म के नाम पर देश को बांटने का काम होता तो पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में मुसलमानों ने भी कुर्बानी दी है। 

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