Rajasthan: फिरोज खान के समर्थन में आए संस्कृत शिक्षक, छात्र व संगठन
Feroze Khan. संस्कृत शिक्षक संघ के महासचिव कौशलेंद्र दास ने कहा कि संस्कृत किसी जाति या धर्म की भाषा नहीं है। इसे धर्म और जाति में नहीं बांधना चाहिए।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Feroze Khan. बनारस हिंदू विश्विघालय (बीएचयू) के संस्कृत विभाग में असिस्टेंट पद पर जयपुर जिले के बगरू निवासी डॉ. फिरोज खान का चयन होने के बाद से ही बवाच मचा हुआ है। एक तरफ तो उनके चयन का विरोध हो रहा है। वहीं, दूसरी तरफ शुक्रवार को जयपुर में संस्कृत शिक्षकों एवं छात्रों ने बैठक कर फिरोज खान का समर्थन किया है। इससे पहले गुरुवार को जगदगुरू रामानंदाचार्य संस्कृत यूनिवसिटी में शिक्षकों ने बैठक कर फिरोज खान के विरोध को गलत बताया था।
शुक्रवार को सर्व ब्राहम्ण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा की अगुवाई में हुई बैठक में फिरोज खान के संस्कृत पढ़ाने को लेकर हो रहे विरोध को अनुचित बताते हुए कहा कि इसका विरोध करने के बजाय समर्थन करना चाहिए। इस बैठक में ब्राह्मण समाज के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और विभिन्न मंदिरों के महंत मौजूद थे। फिरोज खान ने जयपुर के जिस संस्कृत कॉलेज और जगदगुरू रामानंदाचार्य यूनिवर्सिटी में संस्कृत की पढ़ाई की वहां के शिक्षकों एवं छात्रों ने बीएचयू मे उनके चयन का स्वागत किया है। संस्कृत शिक्षक संघ के महासचिव कौशलेंद्र दास ने कहा कि संस्कृत किसी जाति या धर्म की भाषा नहीं है। इसे धर्म और जाति में नहीं बांधना चाहिए,जो संस्कृत का विद्धान हो वह सभी का कल्याण करता है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए खुशी की बात है कि यहां के छात्र बीएचयू में संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर बने हैं।
योगाचार्य ढाकाराम ने कहा कि यह तो हमारे लिए बेहद खुशी की बात है कि एक मुस्लिम युवक संस्कृत पढ़कर बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित विवि.तक पहुंचा है। उधर, फिरोज खान के बगरू स्थित आवास पर उनके पिता रमजान खान से मिलने शुक्रवार को कई संगठनों के प्रतिनिधि पहुंचे और उन्होंने कहा कि हम सब आपके साथ हैं। रमजान खान ने अन्य दिनों की तरह शुक्रवार को भी घर के बाहर बने खुले मैदान में बैठकर कृष्ण और राम के भजन गाए।
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