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BHU में फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध पर अशोक गहलोत बोले, यूपी के सीएम करें हस्तक्षेप

Rajasthan CM Ashok Gehlot. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीएचयू में डॉ फिरोज खान द्वारा संस्कृत पढ़ाने को लेकर जो इश्यू बना हुआ है वह जल्द ही समाप्त किया जाए।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 03:59 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 04:11 PM (IST)
BHU में फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध पर अशोक गहलोत बोले, यूपी के सीएम करें हस्तक्षेप
BHU में फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध पर अशोक गहलोत बोले, यूपी के सीएम करें हस्तक्षेप

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan CM Ashok Gehlot. बनारस हिंदू विश्विघालय (बीएचयू) में जयपुर जिले के बगरू निवासी डॉ.फिरोज खान के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुए चयन के बाद मचे बवाल पर गुरुवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। फिरोज खान द्वारा संस्कृत पढ़ाने को लेकर जो इश्यू बना है, वह जल्द ही समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं यूपी के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं।

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उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति संस्कृत में स्कॉलर बना है तो ऐसे में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इसका स्वागत करना चाहिए। यह हिंदू समाज के लिए गर्व की बात होनी चाहिए।

गहलोत ने ट्वीट में कहा कि बनारस तो गंगा-जमुनी संस्कृति का ध्वजवाहक माना गया है। हमारे देश में हिंदू भी जाने-माने शायर हुए हैं, जब एक-दूसरे के धर्म में इस प्रकार रुचि रखते है एक्सपरटाईज करते है तो ऐसे में दायरा व्यापक हो जाता है। हम सर्वधर्म समभाव की बात करते हैं, इससे हमारे समाज में सर्वधर्म का ताना-बाना मजबूत होता है और यह देशहित में है।

उधर, बगरू में फिरोज खान के पैतृक आवास पर कई साधु-संत फिर पहुंचे। उन्होंने यहां उसके पिता रमजान खान से मुलाकात की। रमजान खान से मिलने वालों में रघुनाथधाम के पीठाधीश्वर सौरभ राघवेंद्राचार्य, नर्बदा शंकर आचार्य, मोहन लाल पंडा आदि शामिल हैं। इनके अतिरिक्त प्रदेश के कई इलाकों से वे भजन गायक भी फिरोज खान के पैतृक आवास पर पहुंचे, जिनके साथ रमजान खान धार्मिक कार्यक्रमों में भजन गाते हैं।

रमजान खान ने गुरुवार को फिर कहा कि हमारा परिवार सौ साल से राम और कृष्ण के भजन गाता आ रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता गफूर खान गो ग्रास निकालने के बाद भोजन करते थे, राम और कृष्ण के भजन गाते थे, मैं भी बचपन से भजन गाता हूं, इसी से परिवार का गुजारा होता है। उन्होंने कहा कि परिवार के प्रत्येक सदस्य को हनुमान चालीसा कंठस्थ है।

डॉ. फिरोज खान बोले-मैंने संस्कृत को पूजा, घर में बचपन से देखी कृष्ण की फोटो

बीएचयू में संस्कृत के सहायक प्रोफेसर बने जयपुर के बगरू निवासी डॉ. फिरोज खान का मानना है कि सभी धर्म एकता और प्रेम का संदेश देते हैं। वह कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद पांचवीं कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई शुरू की और फिर जयपुर के राष्ट्रीय संस्कृत शिक्षा संस्थान से एमए और पीएचडी की उपाधि हासिल की। मैंने हमेशा संस्कृत को पूजा है। मेरे घर पर भगवान कृष्ण की फोटो लगी है। मेरे साथ पहले कभी भी धार्मिक भेदभाव नहीं हुआ। हालिया मसले को लेकर दैनिक जागरण ने फिरोज खान से मोबाइल फोन के माध्यम से बात की। पहले तो उनके पिता रमजान खान अपने बेटे से बात कराने को तैयार नहीं हुए, लेकिन बाद में राजी हो गए।

राजस्थान के मुख्यमंत्री कर चुके सम्मानित

फिरोज खान को बीएचयू में प्रोफेसर बनाए जाने के बाद से वहां के छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन जयपुर स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के प्राचार्य प्रोफेसर अर्कनाथ चौधरी अपने विद्यार्थी के इस मुकाम तक पर पहुंचने पर बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि फिरोज खान होनहार युवा है। फिरोज खान को 14 अगस्त को संस्कृत दिवस की पूर्व संध्या पर जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में संस्कृत युवा प्रतिभा सम्मान समारोह में सम्मानति किया गया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें सम्मानित किया था।

विरोध से गांव वाले भी नाखुश

फिरोज खान के छोटे भाई शकील ने बताया कि हमें कभी भेदभाव का अहसास ही नहीं हुआ, लेकिन न जाने क्यों अब इसे मुद्दा बनाया जा रहा है। बगरू कस्बे के लोग भी फिरोज खान के चयन को लेकर हो रहे विरोध से नाखुश हैं।

पिता का छलका दर्द, कहा-अच्छा रहता संस्कृत की तालीम के बजाय बेटे को मुर्गे की दुकान खुला दी होती

बीएचयू के धर्म-विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर जयपुर जिले के बगरू निवासी फिरोज खान का चयन विवाद का कारण बना हुआ है । बीएचयू के विद्यार्थी उनकी नियुक्ति को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उनका बीएचयू में धरना जारी है। इस बीच उनके परिजन इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं हो जाए। विवाद को लेकर उनके पिता का दर्द छलका पड़ता है। वह कहते हैं कि हमने बड़े अरमान से फिरोज खान को संस्कृत की पढ़ाई कराई थी। भजन-कीर्तन करने वाले पिता कहते हैं कि अब लगता है कि मैंने बेटे को संस्कृति की तालीम दिलाने के बजाय मुर्गे की दुकान खुलवा दी होती तो अच्छा रहता है।

डॉ. फिरोज खान के समर्थन में उतरे साधु-संत और हिंदू समाज के लोग

बीएचयू के संस्कृत विभाग में जयपुर जिले के बगरू निवासी डॉ. फिरोज खान के सहायक प्रोफेसर पद पर चयन को लेकर एक तरफ जहां विरोध हो रहा है, वहीं राजस्थान में संस्कृत के विद्वान, साधु-संत और हिंदू समाज के कुछ लोग उनके पक्ष में उतर आए हैं। मुस्लिम युवक के बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर चयनित होने को लेकर खुशी जताने के लिए कुछ लोग बुधवार को उनके घर भी पहुंचे। इस दौरान बगरू स्थित रामदेव गोशाला में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। इसमें फिरोज खान के पिता रमजान खान उर्फ मुन्ना मास्टर ने भगवान कृष्ण के भजन सुनाए।

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