Rajasthan Political Crisis: पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी ने पूछा, अशोक गहलोत ने बीटीपी-बसपा का समर्थन कितने में खरीदा
किरण माहेश्वरी ने कहा कि एक हताश एवं निराश मुख्यमंत्री न तो प्रशासन पर पकड़ बना सकता है नहीं जनता की भलाई के लिए सोच सकता है।
उदयपुर, राज्य ब्यूरो। पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और राजसमंद से भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया है कि उन्होंने बीटीपी तथा बसपा विधायकों का समर्थन लेने के लिए क्या मूल्य चुकाया है? उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री गहलोत एवं कांग्रेस के अन्य नेता प्रतिदिन भाजपा पर विधायकों के खरीदने का मिथ्या आरोप लगा रहे हैं, जबकि जन प्रतिनिधियों की मंडी लगाने में कांग्रेस की लंबी परंपरा रही है।
हताश और निराश हो चुके हैं अशोक गहलोत
पूर्व मंत्री माहेश्वरी ने रविवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री गहलोत की व्यथा को समझ रही हैं। राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है, जहां मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी के प्रतिनिधियों का समर्थन बनाए रखने का मूल्य चुकाना पड़ रहा है। बार-बार अपनी पार्टी के जनप्रतिनिधियों की बाड़ाबंदी करनी पड़ रही है। अपनी ही पार्टी के विधायक के विरुद्ध राजद्रोह की प्राथमिकी करवानी पड़ रही है। इसी से हताशा एवं निराश मुखिया अपने विधायकों को संदेश देने के लिए भाजपा पर मिथ्या आरोप लगा रहे हैं। किरण माहेश्वरी ने कहा कि एक हताश एवं निराश मुख्यमंत्री न तो प्रशासन पर पकड़ बना सकता है, नहीं जनता की भलाई के लिए सोच सकता है।
महिला अपराध एवं दुष्कर्म बढ़ रहे हैं, सरकार पूरी तरह निष्क्रिय : किरण
माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान में महिलाओं के विरुद्ध अपराध एवं दुष्कर्म की घटनाऐं बढ़ रही हैं, किन्तु सरकार निष्क्रिय बनी हुई है। कांग्रेस पार्टी का पूरा ध्यान अपने विधायकों के असंतोष को दबाने के लिए अनुचित लाभ पहुँचाने, डराने धमकाने और बाड़ाबंदी में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार की निष्क्रियता के कारण प्रदेश में मासूम बच्चियों की इज्जत भी सुरक्षित नहीं हैं। अपराधियों का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है। सरकार तुष्टिकरण के कारण अपराध करने वालों पर सख्त कार्यवाही नहीं करती है।
साल 2019 में राजस्थान में दुष्कर्म की 6000 घटनाएं दर्ज हुई हैं। इस वर्ष भी प्रतिदिन दुष्कर्म के समाचार आ रहे है। उनका कहना था कि विगत 2 वर्षों में ही इन प्रकरणों में 81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपराधों पर नियंत्रण करने में बुरी तरह से विफल रही है। प्रदेश में पुलिस बल का दुरुपयोग केवल प्रतिपक्ष के दमन एवं अपनी पार्टी के असंतोष को दबाने में किया जा रहा है। आज राजस्थान की जनता कांग्रेस पार्टी को आधा प्रतिशत मत अधिक देकर सत्ता में लाने पर लज्जित है।