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Right to Health Bill: 'स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक' में कोई संशोधन नहीं: राजस्थान के मंत्री परसादी लाल मीणा

Right to Health Bill स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक में कोई संशोधन नहीं होगा क्योंकि यह एक कानून बन गया है और सभी को इसे स्वीकार करना होगा। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने यह बात साफ कर दी है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashWed, 22 Mar 2023 03:54 PM (IST)
Right to Health Bill: 'स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक' में कोई संशोधन नहीं: राजस्थान के मंत्री परसादी लाल मीणा
Right to Health Bill: 'स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक' में कोई संशोधन नहीं: राजस्थान के मंत्री परसादी लाल मीणा

जयपुर, एजेंसी। Right to Health Bill: 'स्वास्थ्य के अधिकार' विधेयक में कोई संशोधन नहीं होगा क्योंकि यह एक कानून बन गया है और सभी को इसे स्वीकार करना होगा।' राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने यह बात साफ कर दी है। बता दें कि स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 21 मार्च को राज्य विधानसभा में पारित हो गया है।

डॉक्टरों और अस्पतालों की हड़ताल

'स्वास्थ्य का अधिकार' कानून को लेकर राजस्थान में निजी डॉक्टरों और अस्पतालों की हड़ताल है। परसादी लाल मीणा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए समाचार एजेंसी ANI से कहा, 'जब यह बिल विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हो गया है और एक कानून बन गया है, तो सभी को इसे स्वीकार करना होगा और कोई भी कानून की अवहेलना नहीं कर सकता है।'

इस हड़ताल का क्या औचित्य है?

स्वास्थ्य मंत्री मीणा ने कहा कि डॉक्टरों को सोचना चाहिए कि इस हड़ताल का क्या औचित्य है। प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर तक की समितियों में पहली बार चिकित्सकों को शामिल किया गया है। डॉक्टर उनके सुझावों को मानने के बावजूद आंदोलन कर रहे हैं। यह उचित नहीं है। वे बिल वापस लेने की मांग कर रहे हैं, क्या यह उचित है?'

डॉक्टर्स काम पर लौटे नहीं तो होगी कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री मीणा ने विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी डॉक्टरों से अपील की है और मैं भी उनसे काम पर लौटने की अपील कर रहा हूं, अन्यथा सरकार को आवश्यक कार्रवाई करनी पड़ेगी। गौरतलब है कि राजस्थान में निजी अस्पताल और डॉक्टर स्वास्थ्य के अधिकार (RTH) विधेयक का कार्य बहिष्कार कर विरोध कर रहे हैं और राज्य सरकार से इसे लागू नहीं करने का आग्रह कर रहे हैं।

नहीं थम रहा हड़ताल

इस बीच 21 मार्च को राजस्थान विधानसभा में स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक पारित हो गया, फिर भी राजस्थान के निजी अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म नहीं हुई है। जयपुर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी इस आंदोलन का समर्थन करते हुए कार्य बहिष्कार किया है।