One Year Of Gehlot Government: भाजपा का आरोप, गहलोत सरकार युवा, महिला व किसान विरोधी
One Year Of Gehlot Government भाजपा के मुताबिक राजस्थान कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के चलते शैक्षिक योग्यता के नियम को खत्म कर दिया है।
जयपुर, जेएनएन। One Year Of Gehlot Government: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस सरकार के एक वर्ष पूरे होने और कांग्रेस के घोषणा पत्र पर सवाल उठाए हैं और इसे महिला, युवा और किसान विरोधी सरकार बताया है। पार्टी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल पर जल्द ही ब्लैक पेपर भी जारी करेगी।
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा सरकार में मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने रविवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश में पंचायत चुनाव की कभी भी घोषणा हो सकती है। भाजापा मुद्दों के आधार पर चुनाव में जाना चाहती है, लेकिन कांग्रेस सरकार इस बार भी सिर्फ झूठे वादों के सहारे जनता के बीच जाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने पंचायतों के पुनर्सीमांकन का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पहले जनसंख्या के आधार पर पुनर्सीमांकन होता था, लेकिन अब राजनीतिक आधार पर किया जा रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि कांग्रेस को हार का डर सता रहा है। लोगों से किए गए वादों को कांग्रेस ने अब तक पूरा नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के चलते शैक्षिक योग्यता के नियम को खत्म कर दिया है। कांग्रेस सत्ता प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। कांग्रेस के लिए किसानों का ऋण माफी मुद्दा महज नारा बनकर रह गया है। बेरोजगार युवाओं को सपने दिखकर कांग्रेस सत्ता में आई है। चुनाव के वक्त बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपये बेरोजगार भत्ता प्रति माह देने का वादा किया था, जिसे कांग्रेस सरकार ने 3000 रुपये कर दिया है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि 3000 रुपये बेरोजगारी भत्ता किए जाने बाद भी अब तक बेरोजगार युवाओं के खाते में नहीं पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता से हर मोर्चे पर छलावा कर सत्ता में आई गहलोत सरकार ने अपने एक वर्ष के शासन में आमजन, किसानों, मजदूरों और नौजवानों का जीवन, अत्यन्त कष्टमय कर दिया है। राज्य के 59 लाख किसानों को 99 हजार 995 करोड़ का कर्जा 10 दिन में माफ करने का वादा किया था। आज कर्ज से त्रस्त दर्जनों किसानों की आत्महत्या कांग्रेस सरकार के माथे पर कलंक है।
चतुर्वेदी ने कहा कि सत्ता में आने के लिये कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में बिजली की दरों को नहीं बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन यह वादा भी थोथा साबित हुआ है। फ्यूल चार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं पर 55 पैसे प्रति यूनिट का भार था। इसे हाल ही में चार दिसंबर को नौ पैसे और बढ़ाकर 64 पैसे प्रति यूनिट कर ग्रामीण उपभोक्ता की कमर तोड़ दी गई है।
चतुर्वेदी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत भाजपा शासन काल में बने 79 लाख 35 हजार शौचालयों के निर्माण की राशि का भुगतान केंद्र सरकार से राज्य सरकार को प्राप्त हो गया है, लेकिन भुगतान लाथार्थियों को नहीं करके स्वच्छता आंदोलन को कमजोर करने का काम किया गया है। इसी तरह न्याय आपके द्वार कार्यक्रम भाजपा सरकार के वक्त प्रारंभ हुआ था और उसके चलते गांव की चौपाल पर 142 लाख राजस्व प्रकरणों का निष्पादन करके जहां ग्रामीण जन को सस्ता, सुलभ त्वरित न्याय देने का अद्वितीय कार्य किया, जिसे वर्तमान में सरकार ने तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया।
उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार में कानून व्यवस्था का हाल बेहाल है। महिला अपराधों में 65 प्रतिशत वृद्धि हुई है, दलित अत्याचार 46 प्रतिशत में वृद्धि हुई है, वहीं एक रिर्पोट के अनुसार, राजस्थान भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों में नंबर वन पर हो गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में पंचायतीराज संस्थाओं में 5160 रिक्त पदों पर भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया भी प्रारंभ नहीं हो पाई है। चतुर्वेदी ने कहा कि हम इन सभी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे और पंचायतीराज चुनाव में इन्हें मुद्दा बनाएंगे। इसके साथ ही सरकार का एक वर्ष पूरा होने के मौके पर एक ब्लैक पेपर भी जारी किया जाएगा। ॉ
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