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राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित, मीणा बोले- जनता के हित में है राइट टू हेल्थ

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राइट टू हेल्थ जनता के हित में है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी सदस्यों के सुझाव के आधार पर इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा था।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaWed, 22 Mar 2023 04:15 PM (IST)
राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित, मीणा बोले- जनता के हित में है राइट टू हेल्थ
राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित

जयपुर, जेएनएन। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बन रहा है। राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 7 प्रतिशत बजट व्यय हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।

चिकित्सा मंत्री सदन में प्रवर समिति द्वारा प्रतिवेदित ''राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक, 2022'' पर मंगलवार को चर्चा का जवाब दे रहे थे। इसके बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। 

मीणा ने कहा कि 'राइट टू हेल्थ' जनता के हित में है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी सदस्यों के सुझाव के आधार पर इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा था। विधेयक में सभी सदस्यों एवं चिकित्सकों के सुझाव शामिल किए गए हैं।

स्वास्थ्य प्राधिकरण लॉजिस्टिकल शिकायत होगा गठन

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में उपचार के लिए मरीजों को मना नहीं किया जाए इसीलिए राइट टू हेल्थ विधेयक लाया गया है। इसके अंतर्गत इमरजेंसी में इलाज का खर्चा संबंधित मरीज द्वारा वहन नहीं करने की स्थिति में पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।

राइट टू हेल्थ विधेयक के तहत, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण लॉजिस्टिकल शिकायत का भी गठन किया गया है। साथ ही, जिला स्तरीय प्राधिकरण का प्रावधान भी किया गया है। 

मीणा ने कहा कि चिकित्सकों का पहला धर्म उपचार करना है, जो उन्हें निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़े अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा रियायती दर पर जमीनें उपलब्ध करवाई गई है। इन अस्पतालों को राइट टू हेल्थ विधेयक के अंतर्गत जोड़ने का प्रावधान है।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनता को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले सदस्यों द्वारा विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचारित करने के सुझावों को सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।