Jaipur Literature Festival 2020: एनआरसी और सीएए का रिश्ता खतरनाकः नंदिता दास
Actor Nandita Das in Jaipur जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 में आईं नंदिता दास ने खुलकर सीएए और एनआरसी का विरोध किया।
जयपुर, जेएनएन। Actor Nandita Das in Jaipur: फिल्म अभिनेत्री और निदेषक नंदिता दास का मानना है कि सीएए और एनआरसी को जोड़ा जाना खतरनाक है। यह संदेश देने का नहीं बल्कि सोचने का वक्त है कि हम किस तरह का समाज चाहते हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 में आईं नंदिता दास ने खुलकर सीएए और एनआरसी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि भले ही छात्रों ने ही सही, लेकिन इसके विरोध में आवाज उठी है और मौजूदा हालात में सबको इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
नंदिता दास ने कहा कि यह एक ऐसा कानून है, जिसके जरिये आपसे भारतीय होने का सुबूत मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की तरह शाहीन बाग हर जगह बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में पहले के मुकाबले बेरोजगारी काफी बढ़ गई है। देश की आर्थिक हालत में बदतर होते जा रहे हैं। उन्होने कहा कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब धर्म के नाम पर लोगों को विभाजित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि आज सआदत हसन मंटो होते तो वो भी यह सब देख कर दुखी होते।
गौरतलब है कि नंदिता दास ने कुछ समय पहले ही मंटो पर एक फिल्म बनाई थी। नंदिता ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और बंटवारे के वक्त इसी सोच के चलते काफी मुसलमान इस देष में रुक गए थे। सबसे चिंता की बात यह है कि धर्म के नाम पर पहचान मांगी जा रही है।
उन्होंने कहा कि फिल्मी जगत के लोग भी पहली बार इस तरह के कानून के खिलाफ बोलने लगे हैं और सभी को बोलने का हक है। वहीं, नसीरूद्दीन शाह और अनुपम खेर के बीच बयानबाजी से नंदिता दास बयान देने से बचती नजर आईं।
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