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Rajasthan: गहलोत सरकार ने पुलिसकर्मियों के कोर्ट जाने पर लगाई रोक, सेवा नियमों का करना होगा पालन

Gehlot Government. पुलिसकर्मियों को अब कोर्ट जाने से पहले अपनी समस्या के समाधान के लिए उचित शासकीय नियमों का अनुसरण करना होगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 04:20 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 04:20 PM (IST)
Rajasthan: गहलोत सरकार ने पुलिसकर्मियों के कोर्ट जाने पर लगाई रोक, सेवा नियमों का करना होगा पालन
Rajasthan: गहलोत सरकार ने पुलिसकर्मियों के कोर्ट जाने पर लगाई रोक, सेवा नियमों का करना होगा पालन

जागरण संवाददाता, जयपुर। Gehlot Government. राजस्थान में पुलिसकर्मियों के लिए आचार संहिता लागू की गई है। पुलिसकर्मियों की नई सर्विस गाइड लाइन के अनुसार अब वे अपनी किसी भी समस्या के समाधान के लिए सीधे कोर्ट नहीं जा सकेंगे। इस बारे में गृह विभाग ने एक परिपत्र जारी किया है। इस परिपत्र में पुलिसकर्मियों के कोर्ट जाने पर रोक लगा दी है। पुलिसकर्मियों को अब कोर्ट जाने से पहले अपनी समस्या के समाधान के लिए उचित शासकीय नियमों का अनुसरण करना होगा। यदि किसी पुलिसकर्मी को कोई समस्या है तो वह पहले अधिकारी को उसे बताए, ताकि समस्या का तथ्यात्मक परीक्षण कर उसका समाधान किया जा सके। परिपत्र में कहा गया है कि यदि कोई पुलिसकर्मी सीधे कोर्ट जाएगा तो उसके खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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बढ़ते मामलों को देखते हुए परिपत्र जारी किया

दरअसल, राज्य सरकार ने यह कदम राजस्थान पुलिस सेवा, राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा, राजस्थान विधि विज्ञान सेवा, राजस्थान विधि विज्ञान अधीनस्थ सेवा, राजस्थान कारागार सेवा, राजस्थान कारागार अधीनस्थ सेवा और राजस्थान गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा सेवा के कई कार्मिक अपने सेवा संबंधी मामलों में बिना किसी प्रकार शासकीय उपाय अपनाएं अपनी परिवेदना के लिए सीधे कोर्ट में प्रकरण प्रस्तुत करने के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए उठाया है। परिपत्र में कहा गया है कि राजस्थान सिविल सेवा आचरण नियम-1971 के नियम-29 में सेवा संबंधी मामलों में किसी भी सक्षम न्यायालय की शरण में जाने के संबंध में स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। सेवा नियम-29 के अनुसार सरकारी कर्मचारी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने नियोजन से या सेवा की शर्तों से उत्पन्न किसी व्यथा के समाधान के लिए पहले साधन शासकीय मार्ग का सहारा लें। इसके बाद वह किसी कोर्ट से निर्णय प्राप्त करने की कोशिश करें।

राज्य कर्मचारियों के लिए राजस्थान सिविल सेवा आचरण नियम-1971 के प्रावधानों की पालना किया जाना आवश्यक होता है । इसमें स्पष्ट है कि किसी व्यथित कार्मिक द्वारा सेवा संबंधी प्रकरणों के बारे में अपनी समस्या या वेदना पहले अपने नियोक्ता अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जानी चाहिए। अधिकारी द्वारा समस्या का संतोषजनक समाधान नहीं किया जा रहा तो संबंधित कार्मिक नियम अनुसार सक्षम अपीलीय अधिकारी को अपील करे। उसके बाद भी अगर उसकी समस्या का समाधान नहीं होता है तो वह समस्या के निस्तारण के लिए सक्षम न्यायालय में जाने के लिए स्वतंत्र होगा।

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