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दत्तात्रेय होसबले ने कहा- RSS को समझने के लिए दिमाग नहीं, दिल चाहिए; मत और संप्रदाय को एक मानता है संघ

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ(आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिएकेवल दिमाग से काम नहीं चलेगा क्योंकि दिल और दिमाग बनाना ही आरएसएस का कार्य है। उन्होंने कहा कि यह हिंदू राष्ट्र है क्योंकि इस देश को बनाने वाले भी हिंदू है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Thu, 02 Feb 2023 02:52 AM (IST)Updated: Thu, 02 Feb 2023 07:56 AM (IST)
दत्तात्रेय होसबले ने कहा- RSS को समझने के लिए दिमाग नहीं, दिल चाहिए;  मत और संप्रदाय को एक मानता है संघ
आरएसएस को समझने के लिए दिमाग नहीं, दिल चाहिए; मत और संप्रदाय को एक मानता है संघ- दतात्रेय होसबोले

जागरण संवाददाता,जयपुर। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ(आरएसएस ) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए, केवल दिमाग से काम नहीं चलेगा, क्योंकि दिल और दिमाग बनाना ही आरएसएस का कार्य है। उन्होंने कहा कि यह हिंदू राष्ट्र है, क्योंकि इस देश को बनाने वाले भी हिंदू है। विभिन्न लेखकों की पुस्तकों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को पितृ भूमि मानने वाले हिंदू है। जो स्वंय को हिंदू माने वो हिंदू है।

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अस्पश्यता को खत्म करने में भूमिका निभाई है आरएसएस

उन्होंने कहा,अस्पश्यता पाप नहीं तो दुनिया में कुछ भी पाप नहीं है। आरएसएस ने अस्पश्यता को खत्म करने में भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि साम्यवाद से लेकर समाजवाद सहित सभी काल में आरएसएस की भूमिका महत्वपूर्ण रही। आरएसएस सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर जोर दिया है। संघ कठोर (रिजिड) नहीं है संघ लचीला (फ्लैक्सीबल) है। भारत के मत और संप्रदाय को एक मानता है। अपने मत संप्रदाय की चीजों को बरकरार रखते हुए लोग संघ कार्य कर सकते हैं।

देश में लोकतंत्र की स्थापना में संघ की रही है भूमिका

उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की स्थापना में संघ की भूमिका रही है। राइट विंग ही नहीं लेफ्ट विंग भी नहीं,संघ सिर्फ राष्ट्रहित का काम करने वाला है। हम राष्ट्रवादी हैं। नेशनलिस्ट हैं। आज राष्ट्र जीवन के केंद्र बिंदू पर संघ है। संघ व्यक्ति निर्माण और समाज निर्माण का कार्य करता रहेगा। होसबोले ने कहा, संघ के एक लाख सेवा कार्य चलते हैं। संघजनरेटर की तरह काम करता है। संघ एक जीवनपद्धति है। संघ एक कार्यपद्धति और जीवनशैली है।

हिंदुत्व के सतत विकास के आविष्कार का संघ

उन्होंने कहा कि हिंदुत्व के सतत विकास के आविष्कार का नाम संघ है। प्रतिवर्ष एक लाख युवा प्राथमिक शिक्षा वर्ग में संघ को जानने के लिए आते है। उन्होंने कहा कि संविधान अच्छा है और चलाने वाले खराब हैं तो संविधान भी कुछ नहीं कर सकता है। अगली पीड़ी सामाजिक कलंक आगे लेकर नहीं जाए ये ध्यान रहे । पर्यावरण,जल,जंगल और जमीन की रक्षा करना भारत की अस्मिता और अस्तित्व के लिए समाज को सक्रिय रखना पड़ेगा । वसुदैव कुटंबकम केवल नारे लगाने के लिए नहीं है । उसकी प्रयोग भूमि भारत है। महर्षि अरविंद ने कहा था कि जो अध्याय पश्चिम से शुरू हुआ था वह पूर्व में समाप्त होगा । होसबोले बुधवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में "संघ कल,आज और कल " विषय पर व्याख्यान कार्यक्रममें बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ ने हर दर्द को सहा और कहा,एंजाय दा पेन ।

संघ दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है

होसबोले ने कहा,संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक के जीवन में परिवर्तन हुआ है। गुरू गोलवरकर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 33 वर्ष गुरूजी ने कार्य किया। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों के परिश्रम से संघ दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है। संघ से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के संगठन प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि पहले 600 से अधिक जनजातियां कहती थी कि हम अलग हैं। भारत विरोधी ताकतों ने उन्हे उकसाने का काम किया ।गोलवरकर ने कहा कि वह हिंदू है।उनके लिए दरवाजे बंद नहीं है। वह घर आ सकते हैं। उन्हे घर वापसी हम करवा सकते हैं। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,पूर्व राज्यसभा सांसद महेश शर्मा सहित कई नेता मौजूद थे।

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