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Priyanka Gandhi: राजस्थान के अलवर कोर्ट में प्रियंका गांधी के खिलाफ परिवाद पेश

Priyanka Gandhi. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट पर अलवर के एक अधिवक्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में परिवाद पेश किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 06:29 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 06:29 PM (IST)
Priyanka Gandhi: राजस्थान के अलवर कोर्ट में प्रियंका गांधी के खिलाफ परिवाद पेश
Priyanka Gandhi: राजस्थान के अलवर कोर्ट में प्रियंका गांधी के खिलाफ परिवाद पेश

जागरण संवाददाता, जयपुर। पहलू खान उन्मादी हिंसा (मॉब लिंचिंग) मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट पर अलवर के एक अधिवक्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में परिवाद पेश किया है।

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अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा ने प्रियंका गांधी के खिलाफ अलवर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में 20 अगस्त को परिवाद पेश किया था। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन जज के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले की सुनवाई 27 अगस्त को होगी। अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा ने बताया कि पहलू खान मामले में कोर्ट ने 14 अगस्त को फैसला सुनाया था। इसमें छह आरोपितों को बरी कर दिया था। यह प्रकरण मॉब लिंचिंग से संबंधित था और इसमें दो समुदायों की भावनाएं जुड़ी हुई थी। मामले में कोर्ट ने निर्णय पारित कर दिया था। ऐसी स्थिति में कोई पक्ष कोर्ट के निर्णय से असंतुष्ट था तो उसके पास कानून सम्मत अपील का अधिकार मौजूद है। लेकिन प्रियंका गांधी के द्वारा कोर्ट के फैसले के विरुद्ध कथित अमर्यादित टिप्पणी की गई।

जितेन्द्र शर्मा ने कहा कि प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव के पद पर नियुक्त है। उनके किसी भी बयान से जनभावनाएं आंदोलित हो सकती हैं। यह अपराध भारतीय दंड संहिता 153 और 504 के तहत दंडनीय अपराध है। याचिका में कहा गया कि यदि कोई पक्ष कोर्ट के निर्णय से असंतुष्ट था तो उसके पास कानून सम्मत अपील करने का अधिकार मौजूद है, लेकिन प्रियंका गांधी ने जो टिप्पणी की वह अमर्यादित थी।

यह ट्वीट किया था प्रियंका गांधी ने

प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि पहलू खान मामले में लोअर कोर्ट का फैसला चौंका देने वाला है।हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नही होनी चाहिए और भीड़ द्वारा हत्या एक जघन्य अपराध है। पहलू खान मामले में करीब सवा दो साल बाद गत 14 अगस्त कोर्ट ने छह आरोपितों को बरी कर दिया था। इस मामले में कोर्ट में चालान के बाद नियमित सुनवाई हुई थी, लेकिन पुलिस जांच में कई ऐसी खामियां रही, जिनके चलते कोर्ट में पहलू खान का पक्ष कमजोर पड़ा और आखिर संदेह के लाभ पर आरोपित बरी हो गए। 

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