Child Marriage: 10वीं की छात्रा पहुंची थाने, कहा-अभी नहीं करनी शादी, पुलिस की मदद से रुकवाया बाल विवाह
Child Marriage छात्रा थाने पहुंची तथा उसने पुलिस को बताया कि वह अभी नाबालिग है और वह शादी नहीं करना चाहती। उसने पुलिस को बताया कि उसके परिजन उसकी शादी फरवरी में मुंबई के एक युवक से करना चाहते हैं।
उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के बस्सी क्षेत्र में 15 साल की एक छात्रा थाने पहुंची तथा उसने पुलिस को बताया कि वह अभी नाबालिग है और वह शादी नहीं करना चाहती। उसने पुलिस को बताया कि उसके परिजन उसकी शादी फरवरी में मुंबई के एक युवक से करना चाहते हैं। इसके बाद पुलिस ने उसके पिता को थाने पर बुलाया और उन्हें पाबंद किया कि वह अपनी बेटी की शादी उसके बालिग होने पर ही करेंगे। हालांकि पिता ने अपनी सफाई में कहा कि वह अपनी बेटी के लिए लड़का देखने गए थे। गुरुवार को 15 साल की छात्रा बस्सी थाने पहुंची। उसने पुलिस को बताया कि उसके परिजनों ने उसकी शादी अगले महीने 12 फरवरी को तय कर दी है।
कहा, अभी पढ़ना चाहती हूं
छात्रा ने बताया कि थाने पर आने से पहले उसने अपने माता-पिता को समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन जब वह उन्हें मनाने में सफल नहीं हो पाई, तब वह पुलिस से मदद लेने पहुंची। पुलिस अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया कि थाने पहुंची दसवीं की छात्रा को लेकर पुलिस बाल कल्याण समिति के पास गई। समिति अध्यक्ष के सामने बच्ची का बयान लिया गया। जहां बालिका ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल के सामने यह बताया कि वह आगे पढ़ना चाहती है। उसे घर में शादी की बात पता चली। परिवार के सामने शादी नहीं करने की इच्छा जताई, मगर पिता ने इन्कार कर दिया।
पिता को चेतावनी, किया पाबंद
सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल ने बताया कि छात्रा की बात सुनने के बाद उसके पिता को बुलाया गया। इसके बाद पिता और बेटी को आमने-सामने बैठाकर बात की गई। पिता ने कहा कि वह तो केवल लड़का देखने महाराष्ट्र गए थे। अभी तक उन्होंने अपनी बेटी की शादी तय नहीं की है। इस पर बेटी ने कहा कि उसके पिता झूठ बोल रहे हैं, उसकी शादी अगले महीने 12 फरवरी को मुंबई के एक युवक से तय कर दी गई है। इसके बाद बेटी ने पिता के साथ जाने से भी इन्कार कर दिया। बाद में पुलिस और सीडब्ल्यूडी सदस्यों ने छात्रा को समझाया और पिता के साथ घर भेज दिया। उन्होंने पिता को पाबंद किया कि वह अपनी बेटी की शादी तब तक नहीं करेगा, जब तक वह बालिग नहीं हो जाती।