ये हैं नीतू शर्मा, इनकी उपलब्धियां जान आप भी रह जाएंगे हैरान, गांव को बना डाला शहर
नीतू शर्मा द्वारा गांव में किए गए कार्य से हर कोई दंग है। उनकी मेहनत से गांव भद्दलवड़ शहर जैसी तमाम सुविधाओं से सुसज्जित है। उनकी पंचायत को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है।
धूरी [मनदीप/विनोद]। न पंचायत के पास पंचायती जमीन, न कमाई का कोई अन्य जरिया। न एनआरआइ की मदद, फिर भी ब्लाक धूरी का गांव भद्दलवड़ शहर जैसी तमाम सुविधाओं से सुसज्जित है। ग्रामीणों के लिए 24 घंटे पानी की सप्लाई, हर घर में शौचालय व सीवरेज की सुविधा, खेलने व कसरत के लिए खूबसूरत पार्क, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी व रोशनी के लिए सोलर लाइटों का प्रबंध, की खूबियों के चलते गांव भद्दलवड़ ने केंद्र को भी अपना मुरीद बना लिया है।
शिक्षित महिला सरपंच ने अपनी सूझबूझ व फंडों का सदुपयोग करके गांव को अलग पहचान दिलाई है, जिसकी बदौलत गांव की पंचायत को भारत सरकार के पंचायत राज मंत्रालय द्वारा ग्राम पंचायत डेेवलपमेंट पुरस्कार स्कीम के तहत दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार के लिए चुना गया है। गांव की मौजूदा महिला सरपंच नीतू शर्मा व उनके पति पूर्व सरपंच सुखपाल शर्मा 2008 से लगातार गांव की कमान संभाले हुए हैं।
वर्ष 2018-19 के विकास कार्यों के आधार पर पुरस्कार के लिए चयनित
वर्ष 2018-19 में गांव में हुए विकास कार्यों के आधार पर ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। गांव में सीवरेज, पीने के पानी की सुविधा सौ फीसद मौजूद है। गांव में सभी धर्मों के अनुसार शमशानघाट बने हुए हैं। गांव में दो पार्क बनाए गए हैं, जिनमें विभिन्न किस्मों के आठ हजार से अधिक पौधे लगाए गए हैं। गांवों की हर गली में इंटरलॉकिंग टाइलें लगाई गई हैं।
गांव की हर सड़क को प्रीमिक्स डालकर पक्का किया गया है। वर्ष 2018-19 में करवाए कार्यों की समीक्षा के लिए केंद्र से आई टीम ने गांव का दौरा किया व 120 अंकों से पंचायत की कारगुजारी का मूल्यांकन किया गया और ग्राम पंचायत को पुरस्कार के लिए चयनित किया गया।
भद्दलवड की पंचायत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में 24 अप्रैल 2020 को पंचायत दिवस पर सम्मानित करना था, लेकिन कोरोना के कारण समागम स्थगित हो गया।
खेतीबाड़ी करते हैं लोग, आत्मनिर्भरता का देते हैं सबूत
1300 की आबादी वाले गांव भद्दलवड़ के निवासी खेतीबाड़ी पर निर्भर हैं। लगभग हर घर खेतीबाड़ी करके अपना गुजारा करते हैं। गांव में कोई भी किसान पराली या नाड़ नहीं जलाता। रिवायती खेती के साथ ही किसान अपने गांव की जरूरत के लिए सब्जी व फलों की खेती करते हैं, ताकि गांव में आत्मनिर्भरता पर कायम रहे।
पंचायत के पास नहीं पंचायती जमीन, फिर भी विकास भरपूर
गांव की सरपंच नीतू शर्मा ने बताया कि गांव में सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी लगाए गए हैं। गांव में पंचायत ने पुरुषों व महिलाओं के लिए दो पार्क का निर्माण किया गया है, जहां दोनों वर्गों के लिए अलग-अलग जिम मौजूद हैं। पार्कों में खजूर सहित अन्य प्रकार के वृक्ष लगाए गए हैं।
12 वर्ष से दंपति के हाथ गांव की कमान
मार्केट कमेटी धूरी के पूर्व चेयरमैन सुखपाल शर्मा ने बताया कि वर्ष 2008 से गांव की कमान उनके परिवार के हाथ में है। 2008 से 2013 तक उनकी पत्नी नीतू शर्मा, 2013-2018 तक उन्होंने व फिर अब नीतू शर्मा गांव की सरपंच के तौर पर जिम्मेदारी उठा रही हैं। नीतू शर्मा ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। पंचायत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नकद पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
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