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वेतन न मिलने पर सेहत कर्मियों ने दी संघर्ष की चेतावनी

रूपनगर सिविल अस्पताल और सिविल सर्जन दफ्तर के 300 स्वास्थ्य कर्मचारियों को जून माह का वेतन न मिलने की वजह से कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 21 Jul 2020 06:50 PM (IST)
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वेतन न मिलने पर सेहत कर्मियों ने दी संघर्ष की चेतावनी

जागरण संवाददाता, रूपनगर : रूपनगर सिविल अस्पताल और सिविल सर्जन दफ्तर के 300 स्वास्थ्य कर्मचारियों को जून माह का वेतन न मिलने की वजह से कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है। जुलाई माह के 21 दिन बीत जाने के बाद भी वेतन न मिलने पर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने जिला प्रशासन को मांगपत्र देकर संघर्ष की चेतावनी दी है। जिला प्रशासन को सौंपे मांगपत्र में 89 कर्मचारियों ने हस्ताक्षर किए हैं।

क्लैरीकल स्टाफ की जिला प्रधान कुलविदर कौर, जिला लैबोरेटरी टैक्नीशियन एसोसिएशन के प्रधान अमनदीप, गुरप्रीत सिंह लैब टैक्नीशियन, गुरदीप सिंह, हरजिदर सिंह पीए सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना संकट के दौरान सबसे महत्वपूर्ण और जोखिमपूर्ण ड्यूटी निभा रहे स्वास्थ्य विभाग के यौद्धाओं को वेतन न मिलने से निराशा का आलम है। मांगपत्र में समूह कर्मचारियों ने लिखा है कि सिविल अस्पताल और सिविल सर्जन दफ्तर के मेडिकल, पैरा मेडिकल, क्लैरिकल कैटागरी अधीन आते समूह स्टाफ जिनमें डाक्टर, स्टाफ नर्स, लैब टैक्नीशियन, रेडियोग्राफर, क्लैरीकल स्टाफ, मल्टी पपर्स हैल्थ वर्कर, एएनएम वार्ड अटेंडेंट और दर्जा चार कर्मचारी जो कोविड-19 महामारी के दौरान तनदेही से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, को जून माह का वेतन अभी तक नहीं मिला। कर्मचारियों को जिला खजाना दफ्तर से हरेक माह समय पर वेतन जारी किया जाता रहा है। लेकिन जून का वेतन अभी तक जारी नहीं हुआ। वेतन न मिलने की वजह से स्टाफ को आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिला खजाना अफसर से कई बार बात भी की। बावजूद इसके वेतन जारी नहीं हुआ। अगर कर्मचारियों को जल्द वेतन जारी नहीं हुआ तो स्वास्थ्य कर्मचारी संघर्ष करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और पंजाब सरकार की होगी।

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ये है मामला

जून माह का वेतन जारी न होने के पीछे डीलिग हैंड स्टाफ द्वारा ऑनलाइन मार्च माह के ही बिल भेज दिए गए और आगे खजाना दफ्तर ने भी 10-11 स्वास्थ्य कर्मचारियों का दो बार वेतन जारी कर दिया। इसका पता लगने के बाद जिला खजाना अधिकारी ने वेतन तो ब्याज समेत वापस खजाने में जमा करवा लिया। लेकिन एफडी ब्रांच आफिस चंडीगढ़ ने स्वास्थ्य विभाग के खाते को ब्लाक कर दिया। क्योंकि इस लापरवाही की न तो जांच करवाई गई न ही किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई।