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Patiala: किलोमीटर स्‍कीम के तहत PRTC वर्कर्स का रोष, बस स्टैंड और राजपुरा-पटियाला रोड किए बंद; आम जनता झेल रही परेशानी

किलोमीटर स्‍कीम के तहत पीआरटीसी वर्कर्स ने रोष जताया। इस दौरान यूनियन सदस्यों ने जहां बस स्टैंड के बाहर नारेबाजी की वहीं बस स्टैंड का गेट बंद रखकर किसी भी बस को बस स्टैंड गेट से बाहर नहीं निकलने। जिससे बस न मिलने के कारण और रोड जाम होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। वहीं धरने के मद्देनजर पुलिस ने ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Thu, 30 Nov 2023 03:55 PM (IST)Updated: Thu, 30 Nov 2023 03:55 PM (IST)
किलोमीटर स्‍कीम के तहत PRTC वर्कर्स का रोष

जागरण संवाददाता, पटियाला। किलोमीटर स्कीम के तहत बसें शुरू करने के विरोध में पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन वीरवार दोपहर पटियाला-राजपुरा रोड और बस स्टैंड का गेट बंद करके रोष जताया।

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इस दौरान यूनियन सदस्यों ने जहां बस स्टैंड के बाहर नारेबाजी की, वहीं बस स्टैंड का गेट बंद रखकर किसी भी बस को बस स्टैंड गेट से बाहर नहीं निकलने। जिससे बस न मिलने के कारण और रोड जाम होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।

वहीं धरने के मद्देनजर पुलिस ने ट्रैफिक को सरहिंदर बाइपास और सदर्न बाइपास की ओर डायवर्ट कर दिया। जिसके चलते जहां इन रास्तों पर ट्रैफिक बढने से जाम लगे वहीं कुछ मिनटों का सफर तय करने के लिए आधे घंटे से 45 मिनट तक का समय लगा।

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किलोमीटर स्कीम का नाम देकर विभाग का किया जा रहा निजीकरण

यूनियन के प्रांतीय उप प्रधान हरकेश विक्की ने बताया कि सरकार निजी बस को किलोमीटर स्कीम का नाम देकर विभाग का निजीकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने पंजाब सरकार को प्राइवेट बस किलोमीटर योजना को विभाग में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि एक प्राइवेट मालिक 6 साल में सरकारी विभाग से करोड़ों रुपए कमाता है।

6 साल बाद मालिक अपनी बस ले लेता है, लेकिन अगर विभाग अपनी बस शुरू करता है तो उससे विभाग 15 साल कमाई करता है और लोगों को परिवहन सुविधा मुहैया करवा सकता है। नई बस में 5 साल के बाद होने वाले खर्च की गणना प्रबंधन पहले ही कर लेता है, जबकि पहले 2 साल बिना सर्विस के बस का कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होता है।

कर्मचारियों को रेगुलर करने की बजाए आउटसोर्स भर्ती शुरू

उप प्रधान ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों को रेगुलर करने की बजाए आउटसोर्स भर्ती शुरू कर दी। जिससे कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। विभाग के लिए कर्मचारी दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन इन मेहनती कर्मचारियों का वेतन भी कम है और सभी का वेतन एक सामान नहीं है, उनकी मेहनत की कमाई को अन्य कटौतियों के साथ लूटा जा रहा है।

युवाओं को जीवनयापन लायक नहीं मिल रहा वेतन

पीआरटीसी के उच्च अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के 2016 के समान काम और समान वेतन के फैसले को लागू नहीं कर रहे। जब पंजाब के युवाओं को जीवनयापन लायक वेतन नहीं मिलेगा तो पंजाब का युवा विदेशों की तैयारी करेगा।

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सरकार लोगों को स्थायी रोजगार देने में असमर्थ है और बल्कि किलोमीटर स्कीम की तरह विभाग का निजीकरण कर रहा है। पीआरटीसी में प्राइवेट मालिक की बस लगाकर विभाग को खत्म करने की ओर ले जाया जा रहा है और एक बस प्राइवेट मालिकों की जेब में 1 करोड़ से ज्यादा पैसे डालती है और विभाग की लूट हो रही है।


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