Farmers Protest: बैरिकेड तोड़ने वाली 'बख्तरबंद' भारी मशीनें लेकर जुटे किसान, शंभू बार्डर पर लोहे की छड़ों से किया कवर; गोलियों से भी नहीं होगा नुकसान
दिल्ली कूच करने की घोषणा के तहत संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता और सदस्य मंगलवार सुबह से ही शंभू और खनौरी बार्डर पर रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इसके तहत किसानों ने कंक्रीट व भारी-भरकम बैरिकेड को तोड़ने और पत्थरों को उठाने के लिए भारी मशीनों को बख्तरबंद जैसा रूप देकर शंभू बार्डर पर लाना शुरू कर दिया है।
दीपक मौदगिल, पटियाला। दिल्ली कूच करने की घोषणा के तहत संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता और सदस्य मंगलवार सुबह से ही शंभू और खनौरी बार्डर पर रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इसके तहत किसानों ने कंक्रीट व भारी-भरकम बैरिकेड को तोड़ने और पत्थरों को उठाने के लिए भारी मशीनों को बख्तरबंद जैसा रूप देकर शंभू बार्डर पर लाना शुरू कर दिया है।
किसानों ने नियमों के विपरीत भारी मशीनों को मोडिफाई कर बख्तरबंद जैसा बना दिया है। इन्हें लोहे की छड़ों से कवर कर दिया गया है। देखने के लिए केवल एक खिड़की के तौर पर जगह रखी है। इसके अतिरिक्त इनको पूरी तरह से सील किया है, ताकि आंसू गैस के गोले गिरने पर किसी तरह से गैस इनके अंदर दाखिल न हो। भारी मशीनों के केबिन को लोहे की जालियों से कवर कर दिया गया है। पुलिस टायरों को पंचर न कर सके, इसके लिए टायरों को चारों तरफ से लोहे की चादरों से कवर किया है।
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शंभू बार्डर पर लिफ्ट ट्रैक्टरों के साथ-साथ कराह से सुसज्जित ट्रैक्टर पहुंच चुके हैं। इसके अलावा कई ट्रैक्टर के आगे लोहे के शिकंजे लगाकर उन्हें अवैध रूप से मोडिफाई किया गया है, जिससे टकराव की स्थिति में दुर्घटना का खतरा भी काफी है। आंसू गैस के गोले के प्रभाव को कम करने के लिए ट्रैक्टरों के पीछे पंखे लगाए गए हैं। वाहनों के मोडिफिकेशन पर 30 हजार से एक लाख रुपये तक खर्च किए हैं। इस खर्च के लिए ज्यादातर पैसा किसान यूनियनों ने संयुक्त रूप से जुटाया है। चर्चा यह भी है कि एनआरआई और संपन्न किसानों से पैसा जुटाया है। कंक्रीट की दीवार खड़ी कर
बैरिकेड के साथ लगाए कंटीले तार
संगरूर में खनौरी बार्डर पर तैनात हरियाणा पुलिस ने भी अपनी सुरक्षा तैयारियां बढ़ा दी हैं। यहां कंक्रीट की ऊंची दीवार खड़ी की गई है और बैरिकेड लगाकर ऊपर कंटीले तार लगाए हैं। बैरिकेड के पीछे वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले फेंकने सहित अन्य मजबूत व्यवस्था की है। करीब छह लेयर की सुरक्षा तैयार है और दूर तक रास्ते को बंद रखा गया है।उधर, किसानों के ट्रैक्टरों के काफिले में सबसे आगे किसान संगठनों के वरिष्ठ नेता होंगे और पीछे युवा रहेंगे। युवा वालंटियरों व रास्ते में आने वाली रुकावटों को तोड़ने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आठ एंबुलेंस, छह डॉक्टरों की टीम को तैनात किया गया है। पिछले किसान आंदोलन के दौरान बैरिकेड व अन्य रुकावटें हटाने वाले पुराने वालंटियरों को सुरक्षा घेरा तोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी है।
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