Move to Jagran APP

बारदाने की कमी व धीमी लिफ्टिंग से परेशान अन्नदाता

बारदाने की कमी के चलते मंडियों में गेहूं की बोरियों के अंबार लग चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 10:27 PM (IST)
बारदाने की कमी व धीमी लिफ्टिंग से परेशान अन्नदाता

जागरण संवाददाता, पटियाला : बारदाने की कमी के चलते मंडियों में गेहूं की बोरियों के अंबार लग चुके हैं। वहीं, दूसरी ओर लिफ्टिग की रफ्तार काफी धीमी होने से किसान व आढ़ती परेशान हैं। यहां सरहिद रोड स्थित नई अनाज मंडी में गेहूं की बोरियों के ढेर लगे हुए हैं। उठान न होने से किसानों को मंडी में फसल रखने के लिए जगह तक नहीं मिल रही है। शुक्रवार दोपहर बाद मौसम एकाएक खराब होने से खुले में पड़े गेहूं को संभालने के लिए किसान चिंतित दिखे। इस दौरान किसानों का कहना था कि सरकार के मंडी प्रबंध पूरे करने के दावे खोखले हैं।

loksabha election banner

जानकारी के अनुसार जिन किसानों ने अपने किसी आढ़ती की पेंडिग पेंमेंट देनी है, उस किसान से आढ़ती चेक ले रहे हैं, क्योंकि अब फसल की अदायगी सीधा किसान के खाते में होगी। इसके चलते आढ़तियों को किसानों से अपनी पिछली पेमेंट लेने के लिए चेक लेने पड़ रहे हैं। हालांकि दूसरी ओर सीधी अदायगी करवाने को लेकर आढ़तियों द्वारा किसानों से बैंक पासबुक भी ली जा रही है, क्योंकि जिस खाते में किसानों को पेमेंट होगी, खाता नंबर सरकार के पास रजिस्टर्ड होना जरूरी है। हालांकि आढ़ती वर्ग इस मामले पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। मंडियों में बारदाने की कमी के चलते किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं मंडी में लिफ्टिग की रफ्तार भी काफी स्लो है। सरकार पिछले दिनों से मंडी के प्रबंध पूरे होने के दावे कर रही है, पर सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। सरकार को मंडी प्रबंधों को तुरंत सही करना चाहिए।

-प्रदीप कुमार, किसान यहां मंडी में फसल रखने के लिए जगह तक नहीं है। अगर कहीं बारिश हो गई तो फसल गीली हो जाएगी। वहीं, मंडी में खरीद प्रक्रिया व लिफ्टिग की रफ्तार काफी धीमी है। इस कारण अब मंडी में फसल रखने के लिए जगह भी नहीं बची है। प्रशासन को चाहिए कि किसानों की यह समस्या तुरंत हल करे।

चमकौर सिंह,किसान मंडियों में लिफ्टिग प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है, वहीं रोजाना बारदाना भी मंगवाया जा रहा है। इसके अलावा किसानों की फसल का ब्योरा आढ़ती द्वारा पोर्टल पर फीड किया जाता है। जिसके 48 घंटे बाद किसान को पेमेंट होती है।

परमपाल सिंह, सेक्रेटरी, मार्किट कमेटी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.