कठुआ केस की पठानकोट में दूसरे दिन भी सुनवाई शुरू, आरोपित फिर पेश
कठुआ मामले की लगातार दूसरे दिन भी पठानकोट की अदालत में सुनवाई हो रही है। शुक्रवार को अदालत में केस हिस्ट्री पर सुनवाई हो रही है।
जेएनएन, पठानकोट। कठुआ मामले की सुनवाई शुक्रवार को दूसरे दिन भी पठानकोट की जिला अदालत में शुरू हो गई है। आज भी इस मामले के सात आरोपितों को जिला एवं सत्र जज डॉ. तेजविंदर सिंह की अदालत में पेश किया है। मामले में कुल आठ में से सात आरोपितों को कड़ी सुरक्षा के बीच वीरवार को भी कोर्ट में पेश किया गया था। शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपितों को बस से अदालत परिसर में लाया गया।
इस अवसर पर पूरे अदालत परिसर में बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आज अदालत में केस हिस्ट्री पर सुनवाई हो रही है। इससे पहले वीरवार को हुई सुनवाई के दौरान मृतका के पिता पेश नहीं हुए। उनकी ओर से एडवोकेट केके पुरी जिरह को पहुंचे, जिस पर डिफेंस के वकील ने आपत्ति जताई। वीरवार को कोर्ट में केस से संबंधित चार आवेदन भी दिए गए। इन पर 4 जून को सुनवाई होगी। हालांकि कोर्ट में सुबह से ही सुरक्षा कड़ी रही। रैपिड एक्शन फोर्स की भी तैनाती की गई थी।
मृतका के पिता की ओर से वकील के पेश होने पर बचाव पक्ष ने जताई आपत्ति, आज केस हिस्ट्री पर सुनवाई
वीरवार की तरह शुक्रवार को भी मामले के आरोपित विशाल, एसपीओ सुरेंद्र कुमार, एसपीओ दीपक खजूरिया, सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, सांझी राम, कांस्टेबल तिलक राज और प्रवेश को पुलिस बस में कोर्ट परिसर के मुख्य द्वार तक पहुंचाया गया। यहां से उन्हें सीधे अदालत में ले जाया गया।
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शुक्रवार को दोपहर 12 बजे इस मामले की पुन: सुनवाई शुरू हुई। वीरवार को एडवोकेट एसएस बसरा ने इस मामले की मात्र 25 प्रतिशत के करीब ही हिस्ट्री बताई थी। शेष हिस्ट्री पर शुक्रवार को सुनवाई हो रही है। इसके साथ ही उर्दू से अंग्रेजी में बिना ट्रांसलेट किए गए दस्तावेजों को भी 4 जून से पहले पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
कठुआ मामले के आरोपितों को पठानकोट अदालत में पेश करने ले जाती पुलिस।
इससे पहले, वीरवार को भी सुबह 11.30 बजे के करीब केस का ट्रायल शुरू किया गया था। इस मामले से जुड़े वकीलों तथा आरोपितों के सिवाए कोर्ट परिसर में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी गई। वीरवार को चार घंटे तक चली सुनवाई के दौरान कोर्ट के मुख्यद्वार बंद कर पुलिस कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई।
कोर्ट में अन्य मामलों के लिए आने वाले लोगों के लिए एक अलग से रास्ता बनाया गया है। इस पर मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद ही लोगों को अंदर जाने दिया जा रहा है। शिकायतकर्ता तथा डिफेंस पक्ष की ओर से कुल 27 वकील उपस्थित रहे। वीरवार को सुनवाई के बाद सायं लगभग 3:40 बजे आरोपितों को पुन: कठुआ पुलिस की सुरक्षा में वापस जम्मू-कश्मीर भेज दिया गया। शुक्रवार को उनको फिर पठानकोट अदालत लाया गया।
नहीं पहुंचे मृतका के पिता
वीरवार को अदालत में पीडि़त पक्ष की ओर से ट्रायल के दौरान जैसे ही एडवोकेट केके पुरी पेश हुए तो डिफेंस के वकील एके साहनी ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसका नोटिफिकेशन जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से नहीं किया गया है। यदि वह पीडि़ता के पिता की ओर से पेश हुए हैं तो वह जम्मू-कश्मीर सरकार से अनुमति लेकर आएं अथवा पीडि़ता के पिता को पेश किया जाए।
आरोपितों को पठानकोट सब जेल शिफ्ट करने की अपील
बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट रछपाल ठाकुर ने बताया कि सुनवाई के दौरान इस बात को भी रखा गया कि मामला बेहद संगीन है। ऐसे में सुरक्षा को लेकर सभी आरोपितों को जम्मू-कश्मीर से पठानकोट सब जेल में शिफ्ट किया जाना चाहिए। इस पर कोर्ट की ओर से लिखित रूप से अपील करने को कहा गया।
मेरठ कॉलेज चेयरमैन की अग्रिम जमानत याचिका दायर
बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट रछपाल ठाकुर के अनुसार, कठुआ दुष्कर्म मामले से जुड़े आठवें आरोपित शुभम सांगड़ा की सुनवाई जुविनाइल कोर्ट जम्मू में चल रही है। ऐसे में संदेह के घेरे में आए मेरठ स्थित कॉलेज मैनेजिंग कमेटी के चेयरमैन राम प्रसाद की अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली से वकील बी. मधुकर, पठानकोट के वकील नूरीन पठानिया, रोहित कश्यप व अनु पठानिया के साथ कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई।
दरअसल, शुभम मेरठ के एक कॉलेज में पढ़ता है। उस पर दुष्कर्म के आरोप लगे तो उसने सर्टिफिकेट पेश किया कि जिस दिन दुष्कर्म हुआ, उस दिन तो वह कॉलेज में पेपर दे रहा था। बाद में उस पर केस दर्ज होने के बाद कॉलेज के चेयरमैन संदेह के घेरे में आ गए।
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गुरुद्वारा साहिब में माथा टेक सुनवाई करने पहुंचे जज तेजविंदर
कठुआ दुष्कर्म केस की सुनवाई करने से पहले जिला एवं सत्र जज डॉ. तेजविंदर सिंह ने मॉडल टाउन स्थित गुरुदारा साहिब में माथा टेका। वह सुबह साढ़े आठ बजे अपने घर से निकले और सीधे गुरुद्वारा साहिब पहुंचे। यहां उनकी सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस फोर्स पहले से तैनात थी। उन्होंने पहले माथा टेका, फिर थोड़ी देर गुरुद्वारा साहिब मे बैठ कर प्रभु का ध्यान लगाया। इसके बाद वह कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचे और सुनवाई शुरू की।