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ट्रांसपोर्टर हड़ताल से उद्योग जगत में 'कर्फ्यू' जैसे हालात, उत्‍पादन हुआ ठप

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का पंजाब के उद्योगों पर बुरा असर पड़ना शुरू हो गया है। इससे उद्योगों में उत्‍पादन ठप होने की हालत पैदा हो गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 26 Jul 2018 12:00 PM (IST)Updated: Fri, 27 Jul 2018 08:53 PM (IST)
ट्रांसपोर्टर हड़ताल से उद्योग जगत में 'कर्फ्यू' जैसे हालात, उत्‍पादन हुआ ठप
ट्रांसपोर्टर हड़ताल से उद्योग जगत में 'कर्फ्यू' जैसे हालात, उत्‍पादन हुआ ठप

लुधियाना, [राजीव शर्मा]। ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का उद्योग जगत पर व्यापक असर पड़ना शुरू हो गया है और कर्फ्यू जैसे हालात पैदा हो गए हैं। माल की डिस्पैच पूरी तरह से बंद है, तैयार उत्पादों के अंबार लग रहे हैं। जगह और कच्चे माल की कमी के कारण इकाईयां बंद होने लगी हैं। अस्थायी तौर पर बेरोजगारी बढ़ रही है।

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माल की आवाजाही रुकने से बंद होने लगी इकाइयां, करीब पांच हजार करोड़ का माल अटका

एक अनुमान के मुताबिक, यहां के उद्योगों में करीब पांच हजार करोड़ का तैयार माल अटक गया है और सौ इकाईयों में उत्पादन बंद या न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। उद्यमियों ने साफ किया है कि यदि हड़ताल एक दो दिन में न खुली तो हालत और भी बदतर हो जाएंगे।

फैक्टरी में माल रखने की जगह नहीं बची, प्रोडक्शन करेंगे बंद

फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल आर्गेनाइजेशन के चेयरमैन एवं नीलम साइकिल्स के एमडी केके सेठ ने कहा है कि फैक्टरी में अब और माल रखने की जगह नहीं है। इसलिए वीरवार से मजबूरन प्रोडक्शन बंद करने का फैसला लिया गया है। रोजाना इकाई से सात से आठ ट्रक माल लोड होकर देश के कोने कोने में जाता है, आज एक भी ट्रक नहीं लग पाया। यहां तक की साइकिल की सरकारी सप्लाई भी रूक गई है और जुर्माना लगने का खतरा अलग से मंडरा रहा है। इससे अस्थायी तौर पर बेरोजगारी बढ़ रही है। इसके अलावा पेमेंट की भी भारी किल्लत पैदा हो गई है।

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उद्योगों में माल रखने की जगह नहीं, कच्चे माल की भी किल्लत, निर्यातक भी वक्त पर नहीं दे पा रहे डिलीवरी

हीरो साइकिल्स के वाइस चेयरमैन एसके राय का कहना है कि हड़ताल के कारण सारा डिस्पैच पूरी तरह से रुक गया है। उद्योगों में कर्फ्यू जैसे हालात बन गए हैं। इकाई में तैयार माल का स्टॉक भर रहा है। माह के अंत में डिलीवरी टारगेट पूरे करने होते हैं। लेकिन पूरा सिस्टम ही गड़बड़ा रहा है। यदि हालात न सुधरे तो आने वाले दिनों में उत्पादन रोकना पड़ सकता है।

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हड़ताल से उद्योग जगत को लगे ब्रेक

एवन साइकिल्स लिमिटेड के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर ओंकार सिंह पाहवा तर्क है कि ट्रक हड़ताल से उद्योग जगत पर भी ब्रेक लग गया है। इकाई में कच्चा माल नहीं है। प्रोडक्शन को कम करने की नौबत आ गई है, लेकिन यदि हड़ताल लंबी चली तो प्रोडक्शन को मजबूरन रोकना पड़ेगा।

तैयार माल भेजने के लिए ट्रक उपलब्ध नहीं

मोंटे कार्लो फैशन्स लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर संदीप जैन कहते हैं कि ट्रक हड़ताल से पूरी औद्योगिक चेन ही डिस्टर्ब हो गई है। माल भेजने के लिए ट्रक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए माल की डिलीवरी प्रभावित हो रही है। सरकार को चाहिए कि शीघ्र ही ट्रांसपोर्टरों से बात करके उनकी उलझने सुलझाए। क्योंकि इस हड़ताल से हर सेक्टर बुरी तरह प्रभावित है।

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निर्यातकों को रोजाना सौ करोड़ का नुकसान

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन का कहना है कि हड़ताल से सिर्फ निर्यातकों को रोजाना सौ करोड़ का नुकसान हो रहा है। कच्चे माल की भारी कमी के कारण इकाइयां बंद हो रही हैं। करीब सौ इकाईयों में उत्पादन बंद हो गया है। इसके अलावा विदेशी बायर्स से रिश्ते खराब हो रहे हैं। रल्हन का कहना है कि सरकार इसे गंभीरता से ले और हड़ताल खत्म कराए।

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