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विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई, 65 लाख के गबन में सिधवां बेट के बीडीपीओ और ब्लाक समिति अध्यक्ष गिरफ्तार

पंजाब में करप्शन के खिलाफ सरकार ने बड़ी मुहिम शुरू कर दी है। इसका असर भी अब जमीन पर दिखने लगा है। विजिलेंस ने साेमवार काे सिधवां बेट के बीडीपीओ और ब्लाक समिति चेयरमैन को गिरफ्तार किया है।

By Dilbag SinghEdited By: Vipin KumarPublished: Tue, 27 Sep 2022 09:25 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 09:49 PM (IST)
विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई, 65 लाख के गबन में सिधवां बेट के बीडीपीओ और ब्लाक समिति अध्यक्ष गिरफ्तार
सिधवां बेट के बीडीपीओ और ब्लाक समिति चेयरमैन गिरफ्तार। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। विजिलेंस ब्यूरो रेंज ने ब्लाक सिधवां बेट के बीडीपीओ और ब्लाक समिति अध्यक्ष को गबन के मामले में नामजद कर गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पर गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने के टेंडर में 65 लाख रुपये के गबन के आरोप हैं। विजिलेंस ने यह मामला शिकायत की जांच के बाद दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले में ब्लाक डिवेल्पमेंट प्लानिंग अफसर सतविंदर सिंह कांग और ब्लाक समिति अध्यक्ष सिधवां बेट को गिरफ्तार किया है। उन्हें बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

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विजिलेंस विभाग को 12 जुलाई 2022 को शिकायत दी गई थी कि 26 गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर बड़ा गबन हुआ है। दरअसल 26 गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए सरकारी फंड मिला था। बीडीपीओ सतविंदर सिंह ने मेसर्स अमर इलेक्ट्रिकल इंटरप्राइजेज के मालिक गौरव शर्मा के साथ मिलीभगत से गबन करने के लिए 3,325 रुपये के दाम वाली लाइटों को 7,288 रुपये प्रति लाइट की दर से खरीदा था। उन्होंने कहा कि इस तरह उन्होंने अपने उपयोग के लिए 65 लाख रुपये के सरकारी अनुदान का दुरुपयोग किया और राज्य के खजाने को वित्तीय नुकसान पहुंचाया।

विजिलेंस ने इस मामले में आइपीसी की धारा 409, 120-बी और धारा 13 (1) (ए), 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है। सतविंदर सिंह कांग बीडीपीओ और मेसर्स अमर इलेक्ट्रिकल इंटरप्राइजेज के गौरव शर्मा वह लखविंदर सिंह अध्यक्ष बलाक समिति सिधवां बेट को भी इस मामले में नामजद किया गया है। जांच में सामने आया है कि स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रस्ताव 30-12-2021 को ब्लाक समिति सिधवां बेट के सदस्यों द्वारा पारित किया गया था, लेकिन आरोपित बीडीपीओ ने प्रस्ताव पारित होने से पहले 27-12-2021 को कोटेशन को मंजूरी दे दी थी। उक्त राशि को हड़पने के लिए बीडीपीओ ने पूर्णतः प्रमाण पत्र भी तैयार किया था, यहां तक कि 26 गांवों में स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगाई गई थीं।

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