CM सिटी पटियाला में AIR Pollution के नियमों के उल्लंघन पर 9 इंडस्ट्रियल यूनिटें होंगी बंद, PPCB के आदेश
Patiala Punjab Air Pollution पटियाला के मंडी गोबिंदगढ़ में वायु प्रदूषण नियमों के उल्लंघन पर 24 औद्योगिक यूनिटों को 29.16 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा भी लगाया गया है। 17 को 1 करोड़ 15 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करने के लिए कहा गया है।
पटियाला, जेएनएन। (Patiala Punjab Air Pollution) वायु प्रदूषण कंट्रोल नियमों का पालन न करने पर पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने मंडी गोबिंदगढ़ की 9 औद्योगिक यूनिटें बंद करने के आदेश जारी किए हैं। पीपीसीबी ने अपने इस फैसले की जानकारी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को भी दी है। पीपीसीबी ने ये रिपोर्ट पिछले हफ्ते एक मामले में पेश की, जिसमें एनजीटी ने मंडी गोबिंदगढ़ में वायु प्रदूषण को उजागर करने वाली शिकायत पर नोटिस लिया था। वायु प्रदूषण नियमों के उल्लंघन पर 24 औद्योगिक यूनिटों को 29.16 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा भी लगाया गया है और 17 को एक करोड़ 15 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करने के लिए कहा गया है।
503 में से 409 यूनिटें मिली सही
पीपीसीबी अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने एनजीटी के निर्देशों पर 1 नवंबर, 2020 से 20 फरवरी, 2021 तक मंडी गोबिंदगढ़ में 503 औद्योगिक यूनिटों की चेकिंग की। इनमें से 409 यूनिटें ही विभिन्न प्रदूषण नियंत्रण कानूनों का पालन करती पाई गईं थीं। इसके बाद कोयले का उपयोग करने वाली 239 इंडस्ट्रियल यूनिटों में से केवल 34 ने स्वयं को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) में बदला और 123 ने पीएनजी प्रोवाइडर के साथ समझौता किया। ऐसे में पीपीसीबी ने 31 ऐसे उद्योगों को नोटिस जारी किया है जो वैध सहमति प्राप्त करने में विफल रहे।
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पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी इंजीनियर करुणेश गर्ग ने पुष्टि की कि मंडी गोबिंदगढ़ की औद्योगिक यूनिटों को वायु प्रदूषण विरोध के नियमों के तहत नोटिस जारी किया गया है। इन यूनिटों को कहा गया है कि वह पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) सिस्टम को अपने यहां इंस्टाल करें ताकि वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके। ऐसा सिस्टम इंस्टाल करने के लिए इन्हें जरूरत मुताबिक और समय दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की तो इन पर बनती कार्रवाई की जाएगी।
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स्टील रोलर एसोशिएशन ने मांगा तीन महीने का समय
उधर, इंडिया स्टील रोलर एसोसिएशन ने पीपीसीबी को 30 जून तक समयावधि बढ़ाने का अनुरोध किया है, क्योंकि उद्योगों को कोयला से पीएनजी में स्थानांतरित करने के लिए 20 से 30 लाख रुपये प्रति यूनिट का खर्च आएगा और इसमें लगभग तीन महीने का समय लगता है। एनजीटी को यह भी बताया गया कि विभिन्न निरीक्षणों के दौरान, मंडी गोबिंदगढ़ क्षेत्र में स्क्रैप की कोई जलती हुई गतिविधि नहीं की जा रही है।