Punjab Air Pollution: जहरीली हवा की चपेट में पंजाब, AQI 329 के पार; 1697 जगहों पर स्वाहा हुई पराली
Punjab Air Pollution मुख्य सचिव की घुड़की के बाद डीसी लुधियाना सुरभि मलिक शुक्रवार को खुद फील्ड में उतरीं। उन्होंने कई गांवों का दौरा किया और किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए समझाया। किसानों से सहयोग की अपील भी की लेकिन इसके बावजूद शुक्रवार को जिले में 63 जगह फिर भी पराली जलाई गई। लोगों को अब सांस लेने में भी कठिनाई होने लगी है।
आशा मेहता, लुधियाना। लुधियाना में तो स्मॉग चल रहा है। लगातार खेतों में पराली जलाने के कारण हवा में जहरीली गैसें मिल रही हैं। महानगर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) यानी हवा की गुणवत्ता का स्तर लगातार बहुत खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। शुक्रवार को भी एक्यूआइ 329 रिकार्ड किया गया।
इस हवा में सांस लेना जानलेवा हो सकता है। प्रशासन के किसानों को समझाने के प्रयास बेअसर साबित हुए हैं, जिस कारण लोगों का दम घुटने लगा है। मुख्य सचिव की घुड़की के बाद डीसी लुधियाना सुरभि मलिक शुक्रवार को खुद फील्ड में उतरीं। उन्होंने कई गांवों का दौरा किया और किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए समझाया। किसानों से सहयोग की अपील भी की लेकिन इसके बावजूद शुक्रवार को जिले में 63 जगह फिर भी पराली जलाई गई।
SC की सख्ती के बाद भी नहीं बरत रहे गंभीरता
हैरानी की बात है कि इस बार अब तक जिले में 1697 मामले खेतों में पराली जलाने के सामने आए हैं लेकिन पुलिस ने केवल पांच केस दर्ज किए हैं। यह पांच केस भी अज्ञात के खिलाफ हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद मुख्य सचिव ने नौ जिलों के डीसी को पराली जलाने की घटनाएं नहीं रोक पाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन डीसी से तीन दिन में इजवाब मांगा गया है।
अदालत के आदेश के बाद सरकार ने पुलिस और प्रशासन को इन घटनाओं के लिए जवाबदेह बनाया है। डीसी सुरभि मलिक ने शुक्रवार को जिले में सबसे अधिक पराली जलाने वाले क्षेत्रों का दौरा किया। रायकोट के पास गांव बस्सियां में पराली जलाने की प्रथा को बंद करने के लिए किसानों से बात की। किसानों को हवा को दूषित होने से बचाने के पराली प्रबंधन के तरीके अपनाने की अपील की। सभी के सहयोग से यह संभव हो पाएगा। पराली को संभालने के लिए सुपर सीडर, हैपी सीडर, मलचर, बेलर, सरफेस सीडर मशीनें मुहैया करवाई गई हैं। डीसी ने कहा कि वह आने वाले दिनों में भी गांवों का भी दौरा करेंगी।
इस दौरान उनके साथ एडीसी और एसडीएम भी मौजूद रहे। इन गांवों में जलाई गई पराली : प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार जगराओं ब्लाक के गांव डांगिया, हांस कलां, मानूके व रसूलपुर, सिधवांबेट ब्लाक के गांव बबनिया वाल, भूंदड़ी, गर्ग कलां, गोसिया कादर, गोसिया खान, कक्कड़, कनिया हुसैनी, लोधीवाला, माजरी, पूड़ैण, राउवाल, सैफीपुरा, खंजरवाल।
सवददी कलां, तलवंडी कलां, तलवंडी खुर्द व तरफ कोटली, डेहलों ब्लाक के गांव भूटटा, भूटारी, पददी व रंगिया, लुधियाना एक कनैच, ललतों कलां व नुरपुर बेट, लुधियाना दो भूखरी खुर्द, बुर्ज मटवारा, चौंता, कादिया खुर्द व सतियां, पक्खोवाल के घूंघराना, लताला, ब्रमपुरा व मेहरा कलां, रायकोट ब्लाक में बस्सियां, बिंजल, चक भाइका, जोधां, मोहम्मपुरा, राजगढ़ व छज्जवाल, दोराहा के धमोट, सुधार के हेरां और माछीवाड़ा के मल माजरा में खेतों में पराली जलाई गई।
60 प्रतिशत पराली जलाने के मामले अकेले जगराओं ब्लॉक में
इस बार जिले में अब तक पराली जलाने के कुल मामलों में से करीब 60 प्रतिशत अकेले जगराओं ब्लाक में हैं। इस कारण कई इलाकों में सुबह और शाम के समय स्माग छाई रही। पिछले 17 दिन से 14 दिन हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में चल रही है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार 25 नवंबर के बाद पराली जलाने के मामलों में कमी आ सकती है।
नवंबर में पराली जलाने के मामले
1 नवंबर---75
2 नवंबर---80
3 नवंबर---59
4 नवंबर---74
5 नवंबर---184
6 नवंबर---89
7 नवंबर---86
8 नवंबर---96
10 नवंबर---2
11 नवंबर---4
12 नवंबर---143
13 नवंबर---29
14 नवंबर---89
15 नवंबर---144
16 नवंबर---110
17 नंवबर---63 -
नवंबर में एयर क्वालिटी इंडेक्स तारीख
1 नवंबर---324
2 नवंबर---321
3 नवंबर---354
4 नवंबर---343
5 नवंबर---355
6 नवंबर---364
7 नवंबर---327
8 नवंबर---371
10 नवंबर---352
11 नवंबर---289
12 नवंबर---265
13 नवंबर---500
14 नवंबर---377
15 नवंबर---289
16 नवंबर---339
17 नंवबर---329