पंजाबी सभ्याचार की झलक दिखा रहा पीएयू लुधियाना का Museum, पत्थरों पर प्रकृति को बचाने का संदेश
म्यूजिम में ऐसी कई अनोखी चीजें हैं जो अब धीरे धीरे ग्रामीण सभ्याचार से विलुप्त हो रही हैं। लेकिन इस म्यूजिम में इन सभी चीजों को संजोकर रखा गया है। यही नहीं म्यूजियम के कैंपस में रखे पत्थरों पर भी प्रकृति को बचाने का संदेश लिखा है।
लुधियाना, [राजेश भट्ट]। अगर आप पंजाबी सभ्याचार और पंजाब के गांवों की संस्कृति के दर्शन करना चाहते हैं तो पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी लुधियाना (Punjab Agricultural University Ludhiana) आइए। पीएयू के अंदर एक म्यूजियम बना है जिसमें आपको पंजाब के गांवों की रसोई, आंगन, खेती से लेकर पहनावे तक हर चीज के दर्शन हो जाएंगे।
म्यूजिम ( Museum) में ऐसी कई अनोखी चीजें हैं जो अब धीरे-धीरे ग्रामीण सभ्याचार से विलुप्त हो रही हैं। लेकिन इस म्यूजिम में इन सभी चीजों को संजोकर रखा गया है। यही नहीं म्यूजियम के कैंपस में रखे पत्थरों पर भी प्रकृति को बचाने का संदेश लिखा है। पीएयू के कैंपस में म्यूजियम का नींव पत्थर 1971 में रखा गया था।
ग्रामीण सभ्यता के हिसाब से किया है डिजाइन
इस म्यूजियम की इमारत भी ग्रामीण सभ्यता के हिसाब से डिजाइन की गई है। म्यूजियम का मुख्यद्वार लकड़ी का बनाया गया है। जिस पर कई तरह की नक्कासी की गई है। इसी तरह म्यूजियम की खिड़कियां भी बेहतरीन डिजाइन के साथ तैयार की गई हैं। म्यूजियम के अंदर नायाब सिक्के, मूर्तियां, खेती में प्रयोग होने वाले औजार, पारंपरिक पहनावे, फुलकारी, मिट्टी के बर्तन, चरखा, अनाज सुखाने रखने वाले वर्तन, मिट्टी के घड़े, लकड़ी बर्तन समेत तमाम चीजें रखी गई हैं। इसके अलावा म्युजियम के कैंपस में बग्गी, गन्ना पिरोने वाला बेलन, घराट, कुएं से पानी निकालने वाला रहट, बड़ी कढाई व अन्य दुर्लभ चीजें रखी गई हैं।
डा. एमएस रंधावा ने रखा था नींव पत्थर
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी को डिजाइन करने वाले डा. एमएस रंधावा ने एक मार्च 1971 को इस म्यूजियम की नींव रखी थी जबकि इसका उद्घाटन 26 अप्रैल 1974 में खुशवंत सिंह ने किया। अगर आप इस यहां पहुंचना चाहते हैं तो आपको फिरोजपुर रोड से पीएयू गेट नंबर एक से एंट्री करनी होगी और थापर हाल के साथ बाएं मुड़ना होगा।
इसके बाद पहले चौक से दाएं मुड़कर गर्ल्स होस्टल के कैंपस में जाना होगा और आखिरी कोने पर यह म्यूजियम बनाया गया है। म्यूजियम के अंदर जाने के लिए फीस रखी गई है ताकि फालतू लोग यहां न जाएं। इसे अलावा अब इस प्वाइंट लोग फोटो ग्राफी व वीडियो ग्राफी के लिए भी यूज करते हैं। इसके लिए पीएयू मे फीस जमा करवाकर परमिशन लेनी जरूरी है।