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सीमा की रक्षा में न झिझकें सेनाएं, हर कदम उठाएं : राष्‍ट्रपति काेविंद

राष्‍ट्रप‍ति रामनाथ कोविंद ने लुधियाना के हलवारा एयरफोर्स स्टेशन पर आयाेजित समारोह में 51 स्क्वाड्रन और 230 सिग्नल यूनिट को निशान सम्मान प्रदान किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 01:22 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 08:25 PM (IST)
सीमा की रक्षा में न झिझकें सेनाएं, हर कदम उठाएं : राष्‍ट्रपति काेविंद

जेएनएन, लुधियाना। राष्‍ट्रप‍ति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सेना देश की रक्षा में किसी तरह ने झिझकें। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विश्व में आर्थिक शक्ति के रूप में तेजी से बढ़ता देश है। भले ही भारत विश्व शांति का हिमायती है, लेकिन अपने देश की सीमाओं की रक्षा करने से कभी नहीं झिझकना चाहिए। लुधियाना के हलवारा एयरफोर्स स्टेशन पर राष्‍ट्रप‍ति निशान प्रदान करने के लिए आयोजित समारोह में रामनाथ कोबिंद ने वायुसेना के जाबांजोें का मनाेबल बढ़ाया। समारोह में राष्‍ट्रपति ने  ने 51 स्क्वाड्रन और 230 सिग्नल यूनिट को राष्‍ट्रपति निशान सम्मान प्रदान किया।

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कोबिंद ने हलवारा एयरफोर्स स्टेशन में राष्‍ट्रपति निशान सम्मान प्रदान किए

तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति वीरवार को हलवारा एयरफोर्स स्टेशन के 51 स्क्वाड्रन को राष्ट्रपति निशान और 230 सिग्नल यूनिट को राष्ट्रपति सम्मान प्रदान करने के लिये विशेष तौर से पहुंचे थे। उनके साथ वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ भी थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सेना, खासकर वायुसेना का इतिहास गौरवशाली रहा है। आसमान से देश की रक्षा करने के अलावा मानवता की मदद और आपदा राहत कार्यों में वायुसेना हमेशा आगे रही है। वायुसेना हमारी सैन्य उत्कृष्टता का प्रतीक रही है। वायु सैनिकों ने देश के अलावा विदेशों में भी अपनी वीरता का सफल प्रदर्शन किया है। उन्होंने एयरफोर्स स्टेशन के वर्तमान और पूर्व एयरमैन व उनके परिवार की राष्ट्र के प्रति नि:स्वार्थ सेवाओं की सराहना भी की।

समारोह में राष्‍ट्रपति निशान सम्‍मान प्रदान करते राष्‍ट्रपति रामनाथ कोबिंद।

हलवारा ने 1965 और 1971 में वीरता का दिया परिचय
राष्ट्रपति ने कहा कि देश के सबसे पुराने एयरफोर्स स्टेशन हलवारा ने 1965 और 1971 के युद्ध में अपनी वीरता का बखूबी परिचय दिया है। वायुसेना ने दुश्मनों से मुकाबला करने के अलावा प्राकृतिक आपदाओं में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल बीपी सिंह बदनौर, वायुसेना के पश्चिमी कमान के एयर अफसर कमांडिंग इन चीफ सी हरी कुमार भी उपस्थित रहे।

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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह विधानसभा सत्र में व्यस्त होने के कारण नहीं पहुंच पाए और उनके स्थान पर मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा पहुंचे। समारोह में देश के श्रेष्ठ लड़ाकू विमान सुखोई-30 से राष्ट्रपति को सलामी दी गई, जबकि विदर्भ से पहुंची सूर्य किरण की टीम ने हवा में हैरतअंगेज करतब किए।

समारोह में परेड करते जवान।

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प्रेसीडेंट स्टैंडर्ड और कलर में अंतर

हलवारा एयरफोर्स स्टेशन में वीरवार राष्ट्रपति की ओर से दो यूनिट्स को प्रेसीडेंट स्टैंडर्ड और कलर प्रदान किए गए। हालांकि, दोनों ही मामलों में राष्ट्रपति द्वारा किसी यूनिट को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए सेना के सर्वोच्च सम्मान निशान से सम्मानित किया जाता है, लेकिन इन दोनों सम्मान में अंतर है।

प्रेसीडेंट स्टैंडर्ड मोबाइल या ऑपरेशनल यूनिट को दिया जाता है, जबकि स्टैटिक या ग्राउंड यूनिट को प्रेसीडेंट कलर प्रदान किया जाता है। इसमें एक शर्त यह भी होती है कि ग्राउंड यूनिट की कम से कम 18 साल और ऑपरेशनल यूनिट की कम से कम 25 साल की सेवाओं की उपलब्धियों पर उन्हें आंका जाता है। इन निशान पर अाठ पट्टियां लगी होती हैं, जिनपर युद्ध में प्राप्त उपलब्धियों को दर्शाया जाता है।

वायुसेना चीन की किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार : धनोआ

समाराेह के बाद पत्रकारों से बातचीत में भारतीय सेना वायुसेना अध्यक्ष बीएस धनोआ ने कहा कि चीन की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हम तैयार हैं। उन्‍हाेंने कहा कि चीन की किसी भी हर‍कत का भारतीय वायुसेना मुहतोड़ जवाब देने को पूरी तरह स तत्‍पर और तैयार है।


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