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Milkha Singh Death: मोगा में गांव के म्यूजियम में स्थापित है मिल्खा सिंह की 8 फीट ऊंची प्रतिमा, दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि

मोगा के गांव घल्लकलां के प्रसिद्ध म्यूजियम में उड़न सिख मिल्खा सिंह की 8 फीट ऊंची प्रतिमा पिछले कई सालों से यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। मूर्ति शिल्पकार मनजीत सिंह गिल ने उड़न सिख को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 11:18 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 11:53 AM (IST)
Milkha Singh Death: मोगा में गांव के म्यूजियम में स्थापित है मिल्खा सिंह की 8 फीट ऊंची प्रतिमा, दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि
गांव घल्लकलां में मनजीत सिंह के म्यूजियम में स्थापित उड़न सिख मिल्खा सिंह की प्रतिमा। जागरण

मोगा, [सत्येन ओझा]। Milkha Singh Death: मोगा के प्रसिद्ध मूर्ति शिल्पकार मनजीत सिंह गिल ने फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के निधन पर गांव घल्लकलां में बने अपने म्यूजियम में भावपूर्ण अंदाज में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस प्रसिद्ध म्यूजियम में उड़न सिख मिल्खा सिंह की 8 फीट ऊंची प्रतिमा पिछले कई सालों से यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए मनजीत सिंह ने कहा कि फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह जैसी हस्तियां कभी मरती नहीं। वे हमेशा लोगों के दिलों मौगी हमेशा जिंदा रहेंगे। बता दें कि मनजीत सिंह पंजाब संस्कृति विभाग के डायरेक्टर का पद छोड़कर अपना शौक पूरा कर रहे हैं।   

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 अब तक बना चुके 40 से ज्यादा प्रतिमा

मनजीत सिंह ने इससे पहले 1986 में हाईजैक हुए फ्लाइट यात्रियों को बचाते हुए शहीद हुई चंडीगढ़ की बहादुर एयर होस्टेज नीरजा भनोट की प्रतिमा भी बनाई थी। ये प्रतिमा गांव घल्लकलां में ही बने उनके देशभक्त पार्क में लगी है। इसके अलावा भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, अल्बर्ट आइंस्टीन, जरनल हरबख्श सिंह, शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव, बाबा बुल्लेशाह, भगत पूरण सिंह समेत कई शहीदों व वीर जवानों की प्रतिमा तैयार कर वह अपने म्यूजियम पार्क में स्थापित कर चुके हैं।

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तीन साल की उम्र से बना रहे मूर्तियां

मंजीत सिंह गिल किसान परिवार से जुड़े हैं। तीन साल की उम्र से वह मूर्ति शिल्प में जुटे हुए हैं। चंडीगढ़ में पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद पंजाब सरकार के पुरातत्व व अजायब घर विभाग में डायरेक्टर के पद पर तैनात थे। उनका कलाकार मन सरकारी व्यवस्था में नहीं लगा। वह पद छोड़कर वापस गांव आए और यहां उन्होंने म्यूजियम पार्क की स्थापना कर दुनिया भर की हस्तियों की प्रतिमा तैयार कर स्थापित करवाईं। 

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