नगर कौंसिल जगराओं के प्रधान का चुनाव मुल्तवी, SDM की तबीयत खराब होने का कारण बताकर लगाया नोटिस
नगर कौंसिल जगराओं का प्रधान और उपप्रधान चुनने के लिए आज 11 बजे मीटिंग रखी गई थी। चुनाव अधिकारी एसडीएम नरेंद्र सिंह धालीवाल की तबीयत खराब होने के कारण मीटिंग को मौके पर रद कर दिया गया। बैठक रद होने संबंधी चर्चा पूरा दिन शहर में चलती रही।
जगराओं [हरविंदर सिंह सग्गू]। नगर कौंसिल जगराओं का प्रधान और उपप्रधान चुनने के लिए सोमवार सुबह 11 बजे नगर कौंसिल के टाउन हाल में रखी गई मीटिंग मौके पर रद कर दी गई। जिसका कारण चुनाव अधिकारी एसडीएम नरेंद्र सिंह धालीवाल की तबीयत का खराब होना बताया गया। जिसके संबंध में बकायदा लिखित तौर पर 11:15 बजे के करीब नगर कौंसिल कार्यालय में मीटिंग रद होने का नोटिस लगाया गया। नगर कौंसिल चुनाव के प्रधान के चुनाव संबंधी सभी पार्षदों और आम आदमी पार्टी की विधायक सर्वजीत कौर मानुके को 72 घंटे का एजेंडा जारी करके सोमवार को टाउन हॉल में बैठक रखी गई थी।
इस बैठक के रद होने संबंधी चर्चा पूरा दिन शहर में चलती रही। जिसकी पुष्टि करने के लिए पत्रकारों द्वारा एसडीएम नरेंद्र सिंह धालीवाल को बार-बार फोन लगाए गए लेकिन उन्होंने किसी का फोन नहीं उठाया। जिसके चलते सभी पार्षद भी असंयम में रहे और पत्रकारों से मीटिंग रद होने संबंधी किसी तरह की भी जानकारी होने से संबंधी पूछते रहे। सोमवार को मीटिंग में भाग लेने के लिए कांग्रेसी निर्दलीय और अकाली दल के करीब 12 पार्षद नगर कौंसिल कार्यालय पहुंचे हुए थे। जबकि अन्य पार्षद मीटिंग में भाग लेने के लिए नहीं पहुंचे जबकि उनके पास भी अधिकारिक तौर पर मीटिंग रद होने की सुबह 11 बजे तक कोई जानकारी नहीं थी।
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कांग्रेसी पार्षद दो गुटों में बंटे
जगराओं में नगर कौंसिल चुनाव दौरान 23 में से 17 पार्षद कांग्रेस के चुने गए थे। ऐसे में नगर कौंसिल का प्रधान चुनने के लिए उनके पास अपना स्पष्ट बहुमत है लेकिन एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति के चलते प्रधानगी पद के ज्यादा दावेदार होने के कारण कांग्रेस के पार्षद दो गुटों में बंट गए हैं और दोनों गुट ही अपने साथ निर्दलीय और अकाली दल के पार्षदों का समर्थन होने का दावा कर रहे हैं। इनमें एक गुट के वरिष्ठ पार्षद है और दूसरे गुट में पहली बार बिना मुकाबला विजई हुए कांग्रेसी पार्षद है, लेकिन इनमें से अलग कांग्रेस की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़े और मंत्री भारत भूषण आशू के नजदीकी समझे जाने वाले पार्षद को अपने आका पर विश्वास है क्योंकि चर्चा के अनुसार नगर कौंसिल प्रधान का चुनाव कांग्रेस हाईकमांड द्वारा भेजी गई चिट्ठी में से निकलेगा। अधिकतर कांग्रेसी पार्षदों को मंत्री के चहेते पार्षद का प्रधान बनाया जाना मंजूर नहीं है। इसलिए वह अपना अलग गुट तैयार करके शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं और उनका यह दावा था कि अगर कांग्रेस हाईकमांड चिट्ठी के माध्यम से उन पर प्रधान थोपती है तो उसे कुबूल नहीं किया जाएगा और हाउस में अपना प्रधान खुद चुन लिया जाएगा।
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इस संबंध में बकायदा 24 अप्रैल को दैनिक जागरण में पहले ही खबर प्रकाशित हो चुकी है। जिस में खुलासा किया गया था कि अगर कांग्रेस हाईकमांड नगर कौंसिल प्रधान चिट्ठी में से निकालती है तो पहले दिन ही पार्टी में बगावत हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस हाईकमान के मंत्री का अपने चहेतों को प्रधान बनाने का सपना पूरा ना होते देख सोमवार को रखी गई मीटिंग को अचानक रद करवा दिया गया। अब दोबारा मीटिंग रखने से पहले पूरी प्लानिंग और तैयारी की जाएगी। जिसमें मंत्री की इच्छा पूरी करने के लिए साम दाम दंड भेद वाली रणनीति अपनाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
निर्दलीय और अकाली के हाथ में गेम
भले ही नगर कौंसिल में प्रधान चुनने के लिए कांग्रेस के पास अपना स्पष्ट बहुमत है लेकिन उसके बावजूद भी नगर कौंसिल का प्रधान निर्दलीय और अकाली दल के उम्मीदवारों कि बैसाखियों के सहारे बनेगा और चलेगा । अब शहर निवासियों को कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा।
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