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लुधियाना में शहीद करतार सिंह सराभा के पुश्तैनी मकान की हालत खस्ता, सरकार की अनदेखी से बन रहा खंडहर

जिले के सराभा गांव स्थित शहीद करतार सिंह सराभा का जद्दी घर ( पुशतैनी मकान ) सरकारी अनदेखी और रखरखाव के अभाव में खंडहर बनता जा रहा है। घर की सभी दीवारों का रंग और प्लास्टर जगह-जगह से उतर चुका है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 11:53 AM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 11:53 AM (IST)
शहीद करतार सिंह सराभा के पुश्तैनी मकान की जर्जर हालत। जागरण

हरविंदर सिंह सग्गू, जगराओं (लुधियाना)। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का बाकी यही निशां होगा। स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वालों ने इसी जज्बे के साथ हंसते-हंसते शहीद हो गए। उन्हें शायद यह कभी नहीं सोचा होगा कि आजाद भारत में सरकार की अनदेखी से उनसे जुड़ी धरोहरों का बुरा हाल हो जाएगा।  

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जिले के सराभा गांव स्थित शहीद करतार सिंह सराभा का जद्दी घर ( पुशतैनी मकान ) सरकारी अनदेखी और रखरखाव के अभाव में खंडहर बनता जा रहा है। घर की सभी दीवारों का रंग और प्लास्टर जगह-जगह से उतर चुका है। जर्जर दीवारों से बारिश का पानी अंदर दाखिल होकर इसकी नींव को भी कमज़ोर करते जा रहा है। घर में रखा शहीद करतार सिंह सराभा का सामान जैसे किताबें और अन्य चीजें ख़राब हो रही हैं। यह मकान पुरातत्व विभाग के अधीन है। जद्दी घर की संभाल के लिए सरकार ने केयरटेकर तो रख दिया है लेकिन इसकी मरम्मत  के लिये फंड नहीं है।

गांव के लोगों का कहना है कि घर को पुरातत्व विभाग के सुपुर्द करने के चलते वो अपनी तरफ से इसकी मरम्मत भी नहीं करवा सकते। सरकार ने घर के बाहर इस बाबत चेतावनी बोर्ड लगाया है। इस संबंध में गांव की पंचायत , शहीद करतार सिंह सराभा स्पोर्ट्स क्लब और शहीद करतार सिंह सराभा लोक भलाई मंच की तरफ से पुरातत्व विभाग को पत्र लिख कर घर की मरम्मत को कई बार कहा गया लेकिन नतीजा शून्य ही रहा है। पिछले दिनों चंडीगढ़ से आए पुरातत्व विभाग के अफसर अमरीक सिंह को केयरटेकर सुभाष सिंह के माध्यम से घर की मरम्मत के लिए पत्र दिया गया था, उसका भी कोइ जवाब नहीं आया।

अकाली सरकार ने करवाई थी आधी-अधूरी मरम्मत

वर्ष 1997 में अकाली दल की सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने शहीद करतार सिंह सराभा के खंडहर में तब्दील हो चुके जद्दी घर को उसी पुरातन ढंग से बनाने का प्रस्ताव पास किया था। कई साल बाद भी वादा पूरा ना होता देख शहीद की चचेरी बहन पंजाब माता की उपाधि से विभूषित माता जगदीश कौर ने मुख्यमंत्री की कोठी के समक्ष भूख हड़ताल का एलान कर दिया था। उस समय क्षेत्र के 7 पत्रकारों ने भी रोष में सराभा गांव जाकर अपने सिर मुंडवा दिए थे। इसके बाद जागी तत्कालीन बादल सरकार ने आनन-फानन में घर की आधी अधूरी मरम्मत करवाई थी, जिसे आज तक किसी सरकार ने पूरा नहीं किया।

ऊपरी मंजिल का काम पड़ा है अधूरा

शहीद सराभा के इस दो मंजिला जद्दी घर की ऊपरी मंजिल को बनाने के लिए वर्ष 2014 में तत्कालीन सरपंच प्रेमजीत सिंह गरेवाल द्वारा कुल 5 ईंट रखकर एक नींव रखी गइ थी। उसमें आज तक छठी ईंट नहीं जोड़ी गई। ऊपरी मंजिल का काम अधूरा पड़ा है ।

शहीद करतार सिंह सराभा लोक भलाई मंच के प्रधान बलदेव सिंह, स्पोर्ट्स क्लब के प्रधान कुलदीप सिंह और देविंदर सिंह ने कहा कि कइ बार विधायक मनप्रीत सिंह अयाली और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टेन संदीप संधू को इस बारे में मिल चुके हैं लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है । उन्होंने मांग की है कि शहीद के जद्दी घर की देखभाल का जिम्मा पुरातत्व विभाग से वापिस लेकर इसे गांव वासिओं के हवाले किया जाए । इस के लिये वो अलग से कमेटी या संस्था का गठन कर खुद मरम्मत करवाकर इसकी संभाल भी करेंगे।

मूल्यांकन के बाद ही जारी हो सकता है फंड

इस बारे में जब पुरातत्व विभाग के अफसर अमरीक सिंह ने माना कि शहीद के घर की जर्जर हालात का उन्हें पत्र मिला है। इस पत्र को सरकार के पास भेज दिया है। अभी इसमें अभी देर लग सकती है। डायरेक्टर पुरातत्व विभाग और सरकार के सचिव स्तर की बैठक में इस पर विचार करने के बाद एक सर्वे टीम गांव सराभा आएगी। मूल्यांकन करने के बाद ही फंड्स जारी हो सकेंगे। उन्होंने सलाह दी कि सराभा वासी इसके लिए पुरातत्व विभाग की डायरेक्टर कमलप्रीत कौर बराड़ को निजी तौर पर आकर मिल भी लें।

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