Ludhiana Crackers Market: 5000 पटाखों वाली लड़ी का क्रेज, कई कंपनियों के ग्रीन क्रैकर्स भी बाजार में पहुंचे
लुधियाना में इस बार पर्यावरण को बचाने को लेकर ग्रीन दिवाली मनाने पर अधिक जोर है। इसी को ध्यान में रखते हुए पटाखा निर्माता कंपनियों ने मार्केट में ग्रीन पटाखे भी उतारे हैं। ये कम धुआं छोड़ने के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी कम करते हैं।
मुनीश शर्मा, लुधियाना। औद्योगिक नगरी में दिवाली को लेकर बाजार सज गए हैं। इस बार पर्यावरण को बचाने को लेकर ग्रीन दिवाली मनाने पर अधिक जोर है। इसी को ध्यान में रखते हुए पटाखा निर्माता कंपनियों ने मार्केट में ग्रीन पटाखे भी उतारे हैं। ये कम धुआं छोड़ने के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी कम करते हैं। ऐसे पटाखों को लेकर लोगों में खासा क्रेज देखा जा रहा है। कई कंपनियाें ने पटाखों पर ही ग्रीन क्रैकर लिखा है। हालांकि इस बार पटाखों की दुकानें बेहद कम होने के साथ-साथ स्टाक भी कम है। पटाखों की एमआरपी भी पिछले साल की तुलना में कम की गई है। इस कारण 50 से 60% तक मिलने वाला डिस्काउंट इस बार कम ही है।
9 मिनट में 20 शाट वाले पटाखे का क्रेज
रवायती पटाखों की बात करें तो इस बार 9 मिनट तक चलने वाला 240 शाट वाला पटाखा खूब बिक रहा है। इसी प्रकार 5000 पटाखों वाली लड़ी भी ट्रेंड में है। यह लगातार 8 मिनट तक चलती है। इसके साथ ही बच्चों के लिए कई तरह के रंग बदलने वाले पटाखे, फुलझड़ियां और पेंसिल उपलब्ध हैं। थापर फायर वर्क रजिस्टर्ड के त्रिभुवन थापर के मुताबिक इस बार दुकानें कम होने के साथ-साथ पटाखों की प्रोडक्शन भी कम हुई है। ऐसे में बाजार में मांग तेज है। इसके साथ ही ग्रीन पटाखे इस बार दिवाली में नया ट्रेंड लेकर आए हैं। भले ही इस बार बहुत ज्यादा ग्रीन पटाखे नहीं आए हैं, लेकिन कई कंपनियों ने कुछ पटाखे देकर इसकी शुरुआत की है। अगर यह सफल प्रयास रहा तो आने वाले साल में ग्रीन पटाखों का कंसेप्ट तेजी से बढ़ेगा।
चीन के पटाखों की मांग कम
शैली फायर वर्कस के विशाल शर्मा के मुताबिक इस बार चाइनीज पटाखों का जोर कम है, जबकि स्वदेशी पटाखे ज्यादा बिक रहे हैं। चीन से इस बार इंपोर्ट भी बेहद कम रही है। ऐसे में मार्केट में चीनी पटाखों की संख्या बेहद कम है।
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