Move to Jagran APP

Ludhiana Crime: बार काउंसिल का फर्जी लाइसेंस साथी को थमाया, वकील पर धोखाधड़ी का केस दर्ज

Ludhiana Crime शहर में धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी कड़ी में पुलिस ने जिला अदालत के एक वकील के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। उस पर फर्जी लाइसेंस मुहैया करवाने के आरोप लगे हैं।

By DeepikaEdited By: Published: Sat, 12 Nov 2022 01:06 PM (IST)Updated: Sat, 12 Nov 2022 01:06 PM (IST)
जिला अदालत के वकील पर केस दर्ज। (सांकेतिक)

जागरण संवाददाता, लुधियाना: कमिश्नरेट पुलिस ने जिला अदालत के एक वकील दीपक प्रजापति के खिलाफ अन्य वकील को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल का फर्जी लाइसेंस मुहैया करवाने के आरोप में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। जिला अदालत के ही वकील परमिंदर सिंह ने उसके खिलाफ शिकायत की थी।

loksabha election banner

आरोप लगाया था कि वकील ने उससे रुपये लेकर मेरठ यूनिवर्सिटी के सर्टिफिकेट दिलवाए और बाद में उसे पंजाब व हरियाणा बार काउंसिल का फर्जी लाइसेंस दिलवाया। जब उसने नेशनल बार काउंसिल का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया तो उसे पता चला कि यह किसी और के नाम पर जारी हुआ है। एडीसीपी तीन की जांच के बाद थाना डिविजन नंबर पांच की पुलिस ने यह केस दर्ज किया है।

गोपाल नगर में रहने वाले वकील परमिंदर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह अपने बचपन के दोस्तों सुखमनी और डेविड गिल के माध्यम से वकील दीपक प्रजापति से मिला था। प्रजापति ने उन्हें मेरठ यूनिवर्सिटी से पांच साल की डिग्री करवाने की बात कही। उससे डेढ़ लाख फीस सहित ढाई लाख रुपये लिए। वह उक्त वकील के घर पर ही वकालत की पढ़ाई की कक्षाएं लगाने जाता था।

डिग्री पूरी होने पर उसे सर्टिफिकेट और नंबर कार्ड दिया गया। उसने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल का लाइसेंस भी दिया। इस आधार पर वह लुधियाना बार काउंसिल का सदस्य बन गया। उसने बार काउंसिल का चुनाव लड़ा और कार्यकारिणी सदस्य भी चुना गया। इस बीच उसने राष्ट्रीय बार काउंसिल का लाइसेंस लेने का मन बनाया। जब उसने आवेदन किया तो पता चला कि लाइसेंस नंबर किसी अन्य वकील के नाम पर जारी हुआ है।

उसने इस बारे में दीपक प्रजापति से बात की तो कहा गया कि हो सकता है गलत प्रिंट हो गया हो। उसने सूचना के अधिकार के तहत जब दस्तावेज प्राप्त किए तो सामने आया कि उसका लाइसेंस नंबर गलत जारी हुआ है। उसने इसकी शिकायत वर्ष 2018 में पुलिस से की थी। पुलिस ने उस समय दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए थे। उस समय दीपक प्रजापित ने अपने बयान में उसे झूठा करार देते हुए कहा था कि बार काउंसिल के चुनाव की राजनीति के कारण उसे फंसाया जा रहा है।

यह भी पढ़ेंः- लुधियाना MP रवनीत बिट्टू की NHAI को दो टूक, अधूरी योजनाओं को करें पूरा: नहीं तो लाडोवाल टोल पर जड़ देंगे ताला

यह भी पढ़ेंः- Ludhiana Crime: कांग्रेसी नेता मंड की फोटो से छेड़छाड़, खालिस्तानी झंडा पकड़ा कर फेसबुक पर डाली गई पोस्ट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.