लुधियाना के टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज को अपग्रेड करेंगे जापानी विशेषज्ञ
लुधियाना के टेक्सटाइल इंडस्ट्री को जापानी विशेषज्ञ अपग्रड करेंगे। इसे जापान के टेक्सटाइल इंडस्ट्री की तरह बनाया जाएगा। ...और पढ़ें

जेएनएन, लुधियाना। जापानी मार्केट पर भारतीय उत्पादों का कब्जा बनाने के लिए केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने अब जापानी विशेषज्ञों की मदद लेनी शुरू की है। इसके तहत जापान के टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स क्वालिटी एंड टेक्नोलॉजी सेंटर की मदद ली जा रही है, ताकि भारतीय उत्पादों को जापानी बाजार के मानकों पर खरा उतारा जा सके। लुधियाना के टेक्सटाइल इंड्रस्ट्री को जापान के उद्योगों की तरह बनाने के लिए भी जापानी विशेषज्ञों की मदद जाएगी। जापानी विशेषज्ञों के दल ने यहां के उद्योगों का जायजा लिया है।
इसी क्रम में दो सदस्यीय जापानी दल लुधियाना पहुंचा और यहां की टेक्सटाइल इंडस्ट्री का मुआयना करने के अलावा इस व्यापार से जुड़े लोगों की राय ली। केंद्र सरकार की टेक्सटाइल कमेटी के असिस्टेंट डायरेक्टर (लैब) एके धवन ने बताया कि वर्तमान में जापानी टेक्सटाइल बाजार में भारत कहीं खड़ा नहीं है।
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उन्होंने कहा, हम वहां 1.52 फीसद निर्यात करते हैैं, जबकि चीन की हिस्सेदारी 64 फीसद है। इतना ही नहीं, कंबोडिया, बांग्लादेश जैसे देश वहां भारत से बेहतर निर्यात कर रहे हैैं। इसका मुख्य कारण भारतीय उत्पादों का जापानी मार्केट के हिसाब से स्तरीय न होना है। इसलिए हमें अपनी लैब को भी स्तरीय बनाना होगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान गए थे। वहां का आंकलन करने के बाद उन्होंने टेक्सटाइल के क्षेत्र में आगे बढऩे के निर्देश दिए हैैं। जापान से आया विशेषज्ञों का दल देश के 19 शहरों में सर्वे कर रहा है और 18 मई को मुंबई में वह अपनी अंतिम रिपोर्ट देगा।
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होटल पार्क प्लाजा में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि निटवियर क्लब के चेयरमैन विनोद थापर ने केंद्र सरकार के प्रयासों को सराहा और कहा कि उद्यमियों को अपने उत्पाद की जांच करवाने के लिए लैब में भारी खर्च करना पड़ता है। यह मुद्दा पहले भी मंत्रालय के सामने उठाया गया है। उम्मीद है कि अब इसका लाभ व्यापारियों को मिल पाएगा।
समारोह की विशिष्ट अतिथि शाल क्लब की चेयरपर्सन मृदुला जैन ने भी लैब को अपग्रेड करने की बात रखी। उन्होंने कहा कि वियतनाम, तुर्की व कंबोडिया जैसे देश जापानी मार्केट में हैैं, लेकिन भारत का नाम नहीं है। ऐसे में सरकार ने वहां के मानकों के अनुसार उत्पाद तैयार करने के लिए मुहिम शुरू की है, जो प्रशंसनीय है। प्रोग्राम के आरंभिक सत्र में टेक्सटाइल कमेटी के डायरेक्टर लैब कार्तिकेय ढांडा और कमेटी के असिस्टेंट डायरेक्टर एमएस कमाल ने भी विचार रखे।

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