पंजाब के मंत्री आशु पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले पूर्व DSP सेखों बर्खास्त, सेवानिवृत्ति के दिन मिली सूचना
पूर्व DSP सेखों ने मंत्री पर आरोप लगाए थे कि 1992 में उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का केस खोला जाना चाहिए। इस केस में अकाली-भाजपा सरकार के समय ही उन्हें क्लीन चिट दे दे गई थी।
जासं, लुधियाना। पंजाब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री भारत भूषण आशु के साथ विवाद के बाद सुर्खियों में आए लुधियाना नगर निगम के पूर्व डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों को बर्खास्त कर दिया गया है। सस्पेंड चल रहे डीएसपी सेखों को उनके सेवानिवृति के दिन बर्खास्त किए जाने की सूचना मिली है। हालांकि सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि 23 अगस्त को सेखों को बर्खास्त कर दिया गया था। डीएसपी सेखों का कहना है कि उन्हें आज सूचना मिली है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है। 31 अगस्त को ही उनकी सेवानिवृति है। ऐसे समय में बर्खास्त करना सरकार या विभाग ही जान सकता है।
डीएसपी के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री
गौरतलब है कि सेखों ने मंत्री पर आरोप लगाए थे कि 1992 में उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का केस खोला जाना चाहिए। इस केस में अकाली-भाजपा सरकार के समय ही उन्हें क्लीन चिट दे दे गई थी। डीएसपी के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी खुलेआम मंत्री को क्लीन चिट देते हुए पुलिस अफसर के आरोपों को बेबुनियाद बताया था। वह लंबे समय से सस्पेंड चल रहे थे।
मुझे जान का खतरा: सेखों
सेखों ने कहा था 'मेरी जान को खतरा है। क्योंकि आशु न केवल शक्तिशाली मंत्री हैं, बल्कि उनके खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ भी गहरे संबंध हैं। मुझे मंत्री की तरफ से मौत की धमकियां मिल रही हैं। 1993 में भी आशु कितने पावरफुल थे कि पुलिस ने उनके खिलाफ चालान पेश नहीं किया। टाडा एक्ट के तहत एसपी को दिए गए बयान का रिकॉर्ड ही कोर्ट में पेश नहीं किया गया। क्योंकि कोर्ट ने एसडीएम वेस्ट से रिकॉर्ड मांगा था, जबकि रिकॉर्ड एसडीएम ईस्ट के पास था। इस कारण तकनीकी आधार पर आशु को छोड़ दिया गया।
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