सियासत के मैदान में जम नहीं रहे सज्जण के पांव
सज्जन सिंह चीमा अकाली दल को छोड़कर आप में शामिल हो गए।
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला
एशियाई व कामनवेल्थ खेलों में भारतीय टीम का नेतृत्व करने वाले अर्जुन अवार्डी सज्जण सिंह चीमा खेल के मैदान में बेहतरीन फुटवर्क का कमाल दिखाते रहे हैं, लेकिन सियासत में पांव टिका नहीं पा रहे हैं।
शिरोमणि अकाली दल में दाल न गलने पर सज्जण अब दोबारा आम आदमी पार्टी में चले गए हैं। पंजाब पुलिस में एसपी का पद छोड़ कर 2016 में आम आदमी पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले सज्जण 2017 के विधानसभा चुनाव में सुल्तानपुर लोधी सीट पर कांग्रेस के नवतेज सिंह चीमा से हार गए। उसके बाद आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविद केजरीवाल के बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने पर रोष जताते हुए सज्जण ने 2019 में आप छोड़ दी और शिरोमणि अकाली दल में शामिल होने का फैसला कर लिया। सुखबीर सिंह बादल की अगुआई में गांव डल्ला में एक समागम में अकाली दल में शामिल हुए।
सज्जण अकाली दल के स्थानीय नेतृत्व और वर्करों का दिल नहीं जीत सके, हालांकि उन्होंने सत्ताधारी दल व उसके विधायक नवतेज सिंह चीमा के खिलाफ काफी मुखर रुखरखा। सज्जण व उनके साथियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस भी दर्ज हुआ। सज्जण के करीबियों का कहना है कि उन्हें शीर्ष अकाली नेताओं व पुराने वर्करों का कोई सहयोग नहीं मिला। इससे आहत होकर उन्होंने अकाली दल छोड़ने का फैसला कर लिया।
सज्जण का कहना है कि अकाली दल में उनका तजुर्बा ठीक नहीं रहा है। कांग्रेस व अकाली दल की आपसी मिलीभगत से वर्करों का बहुत नुकसान हो रहा है, जिसे सहन करना उनके लिए बड़ा मुश्किल था। इसलिए उन्होंने फिर से आप में शामिल होने का फैसला किया है।
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