बरसात ने वरियाणा डंप पर बढ़ाई मुश्किल, फंसे रहे टिप्पर, कूड़ा लिफ्टिग प्रभावित
बरसात के कारण वरियाणा डंप पर कूड़ा फेंकने के लिए एक बार फिर मुश्किल पैदा हो गई।
जागरण संवाददाता, जालंधर
बरसात के कारण वरियाणा डंप पर कूड़ा फेंकने के लिए एक बार फिर मुश्किल पैदा हो गई। कूड़ा ले जाने वाले वाहनों को 3 से 4 घंटे तक कूड़ा फेंकने के लिए इंतजार करना पड़ा। हालांकि रविवार को नगर निगम ने डंप की सड़क पर मलबा फिकवा दिया था ताकि दलदल में गाड़ियां ना फंसे लेकिन रात और सुबह हुई बारिश के कारण हालात बिगड़ गए। गाड़ियों की एंट्री में मुश्किल आई। वरियाणा डंप पर पक्की सड़क बनाने का प्लान बन चुका है लेकिन इसका काम बरसात के बाद ही संभव है। नगर निगम कमिश्नर ने चार दिन पहले डंप का दौरा भी किया था और बरसात के मद्देनजर आवश्यक सुधार के लिए निर्देश दिए थे। डंप पर कूड़ा फेंकने में आ रही मुश्किल के कारण शहर के कई डंप सोमवार को पूरी तरह साफ नहीं हो पाए। बरसात में ऐसी स्थिति बार-बार आ सकती है। दोपहर बाद ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह, पार्षद बलराज ठाकुर, जगदीश गग, गुरविदर सिंह बंटी नीलकंठ, पवन कुमार ने कूड़ा संभालने के लिए ठेके पर लिए तीन डोजरों की भी इंस्पेक्शन की।
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बस्ती पीरदाद में सीवरेज समस्या हल न होने पर धरने की चेतावनी
वार्ड नंबर 76 के पार्षद लखबीर सिंह बाजवा ने सोमवार को नगर निगम के सुपरिंटेंडिग इंजीनियर सतिदर कुमार को मेमोरेंडम देखकर चेतावनी दी है कि अगर बस्ती पीर दाद में सीवरेज ओवरफ्लो की समस्या वीरवार तक हल ना हुई तो वह शुक्रवार को धरना देंगे। यह चेतावनी भी दी कि अगर उनके इलाके में सीवरेज समस्या बरकरार रहती है तो वह वरियाणा डंप पर कूड़े की गाड़ियां आने से भी रोक देंगे। बस्ती पीर दाद रोड पर यह समस्या काफी देर से चल रही है और विधायक सुशील रिकू ने भी इलाके का मुआयना किया था। यह समस्या इसलिए बढ़ गई है कि एनजीटी ने ड्रेन में सीवर का पानी गिरने से रोक दिया है और पूरा प्रेशर नई सीवर लाइन पर है। इस कारण कई इलाकों में सीवर बैक मार रहा है और गलियों में गंदा पानी खड़ा हो रहा है। -------- तकनीकी हल नहीं मिल रहा, एनजीटी से लेंगे मंजूरी
नगर निगम की ज्वाइंट कमिश्नर सुश्री इनायत ने बताया कि बस्ती पीरदाद सीवर प्रॉब्लम को लेकर तकनीकी हल ढूंढा जा रहा है। इसका पक्का हल संभव नहीं है लेकिन अस्थाई तौर पर हल निकालेंगे। उन्होंने कहा कि कमिश्नर करनेश शर्मा ने इस संबंध में सीनियर अधिकारियों से बात की है और लुधियाना के बुड्ढा नाला में सीवरेज का पानी गिराने के लिए ली गई मंजूरी के तहत ही जालंधर में भी ड्रेन में पानी गिरने की मंजूरी लेने का केस तैयार किया जा रहा है। इस बारे में मौखिक रूप से बात हो गई है लेकिन इसके लिए जल्दी एनजीटी को लेटर लिखी जाएगी। उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट समस्या का हल ढूंढने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन फिलहाल कोई राहत नजर नहीं आ रही है।