अब नकली Diesel भी बनने लगा, पंजाब के बठिंडा में पकड़ी गई फैक्टरी; चार गिरफ्तार, ऐसे करते थे तैयार
बठिंडा पुलिस ने नकली डीजल बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ करके चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग गुजराज से बायो डीजल मंगवाकर उसमें केमिकल मिला नकली डीजल बनाते थे और फिर छोटी गाड़ियों में ग्रामीण क्षेत्रों में बेच देते थे।
जासं, बठिंडा। बठिंडा बायोडीजल में कैमिकल मिलाकर नकली डीजल बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी गई है। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग मात्र दो मिनट में बायो डीजल में केमिकल मिलाकर नकली डीजल तैयार कर देते थे। इसे वे पंजाब और राजस्थान में बेचते थे। पुलिस ने गिरोह के दोनों मास्टर माइंड समेत कुल छह लोगों को नामजद कर उनके पास से एक ट्राला, एक ट्रक और 26 हजार लीटर बेस आयल (बायो डीजल) बरामद किया है। दो आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापामारी कर रही है। पुलिस गिरफ्तार आरोपितों को अदालत में पेश करके पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की तैयारी में है। उन पर थाना कैनाल कालोनी में धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
स्पेशल स्टाफ के इंचार्ज एसआइ तेजिंदर सिंह ने बताया कि एसआइ हरजीवन सिंह को तीन महीने से नकली डीजल तैयार कर बेचने वाले गैंग की सूचना मिली थी। यह काम रिंग रोड स्थित बड़े खाली प्लांट (नोहरे) में किया जा रहा था। वहां पर बेस आयल (बायो डीजल) गुजरात से मंगवाकर उसमें केमिकल मिलाकर उसे डीजल का रूप देकर किसानों व विभिन्न स्थानों में सस्ते दाम पर बेच दिया जाता था।
बठिंडा पुलिस ने नकली डीजल बनाते चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस पर पुलिस ने गिरोह को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया और रिंग रोड स्थित प्लाट में छापेमारी की। मौके से बठिंडा की गुरु की नगरी निवासी जसविंदर सिंह, गांव बंगी दीपा निवासी कुलदीप सिंह, मानसा जिले के गांव ठूठियावाली निवासी गुरसेवक सिंह और राजस्थान के गांव कोटड़ा निवासी हुसैन खान को नकली डीजल बनाते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। गिरोह में शामिल फरीदकोट की जैतो मंडी निवासी मक्खन सिंह व लुधियाना निवासी सतनाम सिंह फरार हैं।
एसआइ तेजिंदर सिंह ने बताया कि पुलिस ने मौके पर 26 हजार लीटर बेस आयल (बायो डीजल) के अलावा टैंकर और ट्रक बरामद किया गया। आरोपित गुजरात से मंगवाए टैंकर में मोटर लगाकर ट्रक में बेस आयल (बायो डीजल) भर रहे थे।
तेल चोरी करते-करते बनाने लगे नकली डीजल
एसआइ ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड जसविंदर व कुलदीप सिंह हैं। पहले ये दोनों पेट्रोल व डीजल के टैंकरों से तेल चोरी करके बेचते थे। कुलदीप सिंह पर पहले ही तेल चोरी के तीन मामले दर्ज है। पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि ये लोग अबोहर में एक गिरोह से नकली डीजल खरीदकर आगे बेचते थे। उनके पकड़े जाने के बाद वे खुद ही नकली डीजल बनाने लगे।
छोटी गाड़ियों में भरकर गांवों में बेचते थे
वे नकली डीजल की खपत बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में करते थे। टैंकर से बायोकेमिकल लाया जाता था और चोरी चुपके नकली डीजल तैयार किया जाता था। उसके बाद छोटी-छोटी गाड़ियों से डीजल ग्रामीण क्षेत्रों में खपाने के लिए भेज दिया जाता था। पेट्रोल पंप से भी बिक्री की जाती थी। तेल में केमीकल डालकर पहले सफेद फिर पीला करके डीजल का रूप दे दिया जाता है। बेस आयल में केमिकल इस तरह से मिलाया जाता है कि लोग असली व नकली डीजल की पहचान भी नहीं कर पाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों के ये कारोबारी नकली डीजल ऊंचे दामों में बेचकर अपनी जेबे भरते हैं। नकली डीजल के प्रयोग से वाहनों के इंजन खराब हो रहे थे।
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