प्रियंका गांधी तक पहुंची बात तो मिला दिव्यांग शतरंज खिलाड़ी मल्लिका को इंसाफ, मिलेंगे 21 लाख और सरकारी नौकरी
प्रियंका गांधी को मल्लिका के बारे में पता चला तो उन्होंने कांग्रेस नेत्री अलका लांबा को परिवार से संपर्क करने के लिए कहा। उसके बाद डायरेक्टर स्पोर्ट्स ने उन्हें चंडीगढ़ बुलाया। वहां अलका लांबा ने मुख्यमंत्री चन्नी से मिलवाया। नकद पुरस्कार व नौकरी दिए जाने के पत्र पर हस्ताक्षर करवाए।
जागरण संवाददाता, जालंधर। लंबे इंतजार के बाद आखिर पंजाब सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग शतरंज खिलाड़ी मल्लिका हांडा की मांग मान ली है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को चंडीगढ़ में मल्लिका हांडा को कोच की सरकारी नौकरी और 21 लाख रुपये देने के पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए। मल्लिका हांडा की माता रेणु हांडा ने बताया कि पूर्व खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी व मौजूदा मंत्री परगट सिंह के आश्वासन के बाद भी उनकी बेटी को नकद पुरस्कार अथवा नौकरी नहीं दी गई। जब मीडिया के जरिए प्रियंका गांधी को मल्लिका के बारे में पता चला तो उन्होंने कांग्रेस नेत्री अलका लांबा को परिवार से संपर्क करने के लिए कहा। उसके बाद डायरेक्टर स्पोर्ट्स ने उन्हें चंडीगढ़ बुलाया। वहां अलका लांबा ने मुख्यमंत्री चन्नी से मुलाकात करवाई और नकद पुरस्कार व नौकरी दिए जाने के पत्र पर हस्ताक्षर करवाए।
चन्नी से मिलने के दौरान मल्लिका के पिता सुरेश हांडा व भाई अतुल हांडा भी मौजूद रहे। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार की तरफ से कोई और डिटेल नहीं मांगी गई है। यह भी साफ नहीं किया गया कि मल्लिका की नियुक्ति रेगुलर होगी या कांट्रैक्ट पर।
मल्लिका ने कहा, छह करोड़ की हकदार, 21 लाख रुपये देने की ही घोषणा हुई
उधर, मल्लिका हांडा ने कहा कि वह 6 करोड़ का पुरस्कार पाने की हकदार हैं, लेकिन पंजाब सरकार ने उन्हें मात्र 21 लाख रुपये देने की घोषणा की है। दो जनवरी की सुबह मल्लिका ने ट्विटर पर वीडियो शेयर कर परगट सिंह पर नौकरी नहीं देने के आरोप लगाए थे। कहा था कि सरकार ने उसे बेवकूफ बनाया और उसके कई साल खराब कर दिए। पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, शिअद प्रधान सुखबीर बादल व सांसद हरसिमरत कौर बादल ने उसका समर्थन किया था। मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने भी कहा था कि अगर मल्लिका उसके पास आती तो वह जरूर नौकरी देते।
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