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एसडी कालेज में बीए इंग्लिश आनर्स का कोर्स शुरू

पंडित मोहन लाल एसडी कालेज फार वूमेन जिले भर में नारी शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाते हुए दाखिले के लिए छात्राओं की पहली पसंद बन चुका है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 03:03 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 03:03 PM (IST)
एसडी कालेज में बीए इंग्लिश आनर्स का कोर्स शुरू

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : पंडित मोहन लाल एसडी कालेज फार वूमेन जिले भर में नारी शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाते हुए दाखिले के लिए छात्राओं की पहली पसंद बन चुका है। कालेज के संस्थापक पंडित मोहन लाल के नारी शिक्षा के स्वर्णिम स्वप्न को साकार करने के लिए सीमावर्ती इलाकों की छात्राओं के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए कालेज मैनेजमेंट व कालेज प्रिसिपल डा. नीरु शर्मा वचनबद्ध हैं और प्रयासरत है। कहा जाए तो पंडित मोहन लाल एसडी कालेज फार वूमेन जिले में ही नहीं बल्कि पंजाब भर में अपनी मेरिट पोजिशनों से सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्राप्त उपलब्धियों से व खेलों में अपने उत्कुष्ट प्रदर्शन से अपनी एक अलग स्थापित कर चुका है।

कालेज में 10वीं, 12वीं मेडिकल, नान-मेडिकल, कामर्स, आ‌र्ट्स, बीए, बीसीए (मेडिकल, नान मेडिकल), बीएससी (कंप्यूटर साइंस), बीएससी (इक्नामिक्स), बीसीए (फैशन डिजाइनिग), बीसीए, बीकाम, एमकाम, एमए (पंजाबी), एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, फूड प्रोडक्शन, कटिग एंड टेलरिग, कास्मोटोलाजी, बी वाक फैशन स्टाइलिग एंड गूमिग, बी वाक रिटेल मैनेजमेंट जैसे कोर्सो के दाखिला बेहद उत्साहपूर्वक चल रहा है। छात्राओं की भरपूर भाग को मद्देनजर रखते हुए कालेज में बीए इंग्लिश आनर्स व एमएससी फैशन स्टाइलिग कोर्स इसी वर्ष शुरू किए जा रहे हैं।

कालेज प्रिसिपल डा. नीरु शर्मा के कुशल नेतृत्व में कालेज की छात्राएं पंजाब बोर्ड में ही नहीं विश्वविद्यालय स्तर पर पहला मेरिट पोजिशनों को प्राप्त कर कालेज परिवार को गौरवान्वित कर रही हैं। कोविड महामारी के चलते हुए कालेज मैनेजमेंट द्वारा छात्राओं की आर्थिक तंगी को ध्यान में रखते हुए कालेज फीस में विशेष छूट दी गई है। माता-पिता रहित छात्राओं को कालेज की ओर से 50 फीसद फीस माफ कर दी गई है। इसी के साथ-साथ मेरिट प्राप्त, विकलांग, जरूरतमंद व गरीब, खेलों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पोजिशन प्राप्त छात्राओं को भी विशेष रियायत दी जा रही है। इसके अलावा किसी कारणवश शिक्षा में कमजोर या समय पर कक्षाएं न लगा पाने वाली छात्राओं को उनके विषयों से संबंधित रेमेडियल (सुधारात्मक कक्षाएं) कक्षाओं का भी प्रबंधन आनलाइन माध्यम से किया गया।


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