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ब्यास में चार दिन बाद देखी गईं दो इंडस डॉल्फिन, घड़ियाल भी सुरक्षित

केमिकल युक्त शीरा दरिया में मिलने से ब्यास व हरिके हेड में बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी मछलियां मर गई थीं। लेकिन, यहां डॉल्फिन व घड़ियाल सुरक्षित हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 07:47 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 09:00 PM (IST)
ब्यास में चार दिन बाद देखी गईं दो इंडस डॉल्फिन, घड़ियाल भी सुरक्षित

जेएनएन, फिरोजपुर/बटाला। चार दिन बाद हरिके हेड के जलीय सतह पर विलुप्तप्राय दो इंडस डॉल्फिन दिखाई देने से विभागीय अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। वीरवार को गुरदासपुर के कीड़ी अफगाना स्थित चड्ढा शुगर मिल का केमिकल युक्त शीरा दरिया में मिलने से ब्यास व हरिके हेड में बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी मछलियां मर गई थीं।

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दरिया का पानी प्रदूषित होने से डॉल्फिन दिखाई नहीं दे रही थीं। ऐसे में अनहोनी से चिंतित वन्य-जीव विभाग की ओर से गांव मुंडा से हरिके पत्तन तक सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। सर्च ऑपरेशन के दौरान रविवार को मुंडा गांव के पास दो इंडस डॉल्फिनों के देखे जाने पर विभागीय अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

वन्य-जीव विभाग फिरोजपुर के अधिकारी चरणजीत सिंह ने हरिके हेड से 40 किलोमीटर दूर ब्यास दरिया के हिस्से में दो इंडस डॉल्फिनों के देखे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि हरिके हेड का पानी अब काफी हद तक साफ हो गया है। जिस जगह पर डॉल्फिनों को देखा गया है, वहां पर ब्यास नदी में अपेक्षाकृत ज्यादा गहराई है। इन्हीं जगहों पर डॉल्फिनों ने अपना प्रवास किया हुआ है।

उन्होंने कहा कि वीरवार को नदी का पानी प्रदूषित हो जाने और मछलियों के मरने से विभाग को चिंता बढ़ गई थी। अब डॉल्फिनों के सुरक्षित होने के साथ उनके प्रवास स्थल का पता लगने से राहत मिली है। उधर, ब्यास दरिया के घड़ियाल भी सुरक्षित मिले हैं। इस बात की पुष्टि वन्य, जीव सुरक्षा विभाग के अधिकारी महावीर सिंह ने की है। उन्होंने कहा ब्यास दरिया के गरड़ेवाल क्षेत्र के पास घड़ियालों की खोज की गई है, जो कि बिलकुल ठीक हैं।

महावीर ने कहा कि मिल के शीरे के ब्यास दरिया में रिसाव से बहुत अधिक संख्या में मछलियां व जल जीव मर गए हैं। अब दोबारा इनकी संख्या बढ़ने में वक्त लगेगा। नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है।

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