फसल बीमा योजना पर आरबीआइ का दबाव, पंजाब ने जताई आपत्ति
रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया पंजाब में भी फसल बीमा योजना लागू करना चाहता है और वह इसके लिए दबाव बना रहा है। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने इसका विरोध किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पंजाब में भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू करने को लेकर बैंकों के जरिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, पंजाब सरकार इस योजना को लागू करने के विरोध में है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने इस योजना को खारिज कर दिया है।
पंजाब की स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की मीटिंग में आरबीआई की रीजनल डायरेक्टर रचना दीक्षित ने कहा कि पंजाब में सबसे ज्यादा किसान खुदकुशी कर रहे हैं। इसके बावजूद यहां फसल बीमा योजना लागू नहीं है। उन्होंने बैंक अधिकारियों से इसे लागू करने की बात कही लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री फसली बीमा योजना को राज्य सरकार ने रद कर दिया है। इस संबंधी मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा हुआ है। किसान आयोग इस योजना में संशोधन पर काम कर रहा है। जब तक उसकी रिपोर्ट नहीं आती तब तक राज्य सरकार इसे लागू नहीं करेगी।
उल्लेखनीय है कि पंजाब को फसली बीमा योजना में प्रत्येक किसान को यूनिट न बनाने और पूरे गांव की दस फीसद से कम फसल खराब न होने पर बीमा राशि न देने को लेकर ऐतराज है। खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पंजाब में पिछले एक साल में खरीफ की फसल को लेकर पंजाब के किसानों का चार से सात फीसद तक नुकसान हुआ। पंजाब की स्थिति दूसरे राज्यों से अलग है।
कमर्शियल बैंक 25 मई तक उपलब्ध करवाएंगे सारा डाटा
कर्ज राहत योजना के तहत कमर्शियल बैंक 25 मई तक सारा डाटा उपलब्ध करवा देंगे। मीटिंग में यह भरोसा देते हुए अधिकारियों ने कहा कि सरकार एससी, एसटी और सामान्य वर्ग के किसानों की अलग-अलग जानकारी मांग रही है जबकि बैंकों के पास जातिगत जानकारी नहीं है। इसी के चलते परेशानी पेश आ रही है।
यह भी पढ़ें: फसल अवशेष प्रबंधन के लिए हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश को मिलेंगे 1100 करोड़
राज्य सरकार ने 17 अक्टूबर 2017 को कर्ज राहत को लेकर जो नोटिफिकेशन जारी किया था उसके बाद से किसानों ने कर्ज राशि लौटानी बंद कर दी है जिससे कर्ज वसूली का काम प्रभावित हो रहा है।
केंद्रीय किसान स्कीमों का लिया जायजा
किसान कल्याण योजनाओं को लेकर कृषि और किसान कल्याण विभाग की ओर से नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्स्टेंशन व टेक्नोलॉजी स्कीम के संबंध में प्रदेश स्तरीय वर्कशाप करवाई गई। बैठक में मौजूद विभिन्न जिलों से आत्मा स्कीम के अधीन काम कर रहे अलग -अलग तकनीकी माहिरों ने प्रदेश स्तरीय नोडल अफसर के सम्मुख जिलों में उक्त स्कीम के अधीन किए जा रहे कार्यो व मुश्किलों के संबंध में ब्यौरा पेश किया। कृषि डायरेक्टर डॉ. बैंस ने हिदायत दी कि वे गांव स्तर पर प्रत्येक किसान तक इन सूचनाओं को पहुंचाएं।
यह भी पढ़ें: पंजाब के किसान शहरों में दूध और सब्जियों की सप्लाई करेंगे बंद