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Ferozepur Flood: फिरोजपुर के चार दर्जन गांव पानी में डूबे; बस्ता-ट्रंक, बच्चे हाथ में लिए बसेरा ढूंढ रहे लोग

पंजाब के फिरोजपुर में करीब चार दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। आलम यह है कि लोगों घर की सामान लिए सुरक्षित जगह की तालाश में जगह-जगह भटकना पड़ रहा है। शुक्रवार को गांव हजारा का पुल डेढ़ माह में दूसरी बार टूटने से एक बार फिर से सीमावर्ती 20 गांवों का देश से सम्पर्क टूट गया है।

By Jagran NewsEdited By: Gurpreet CheemaPublished: Fri, 18 Aug 2023 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2023 07:24 PM (IST)
फिरोजपुर में जलमग्न हुए चार दर्जन गांव, रहने के लिए जगह ढूंढते लोग

फिरोजपुर, तरूण जैन। सतलुज का कहर लोगों के लिए जान की आफत बन आया है। अब खबर यह भी है कि फिरोजपुर के गांव हजारा का 20 गांव को जोड़ने वाला पुल टूट गया है। जिले के करीब चार दर्जन गांव पानी की चपेट में हैं, जिस कारण लोगों को जहां परेशानी उठानी पड़ रही है। जान बचाने के लिए उनके द्वारा मात्र कपड़े लेकर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली जा रही है। अब खबर यह भी है कि 

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प्रशासन द्वारा बेशक लोगों की सहायता के लिए अनेकों कदम उठाए जा रहे हों, लेकिन जिस तरह से गांवो में वीरवार रात तेजी से पानी आया है, उससे लोगों के मन में भय पैदा हो गया है। हुसैनीवाला हैडवर्कस में शाम 4 बजे तक पानी का डाऊन स्ट्रीम 258910 क्यूसेक था, जबकि हरीके हैडवर्कस में पानी का डाऊनस्ट्रीम 284947 क्यूसेक रहा है।

हुसैनीवाला के एसडीओ राजेन्द्रपाल गोयल ने बताया कि हरिके हैड से जितना पानी आ रहा है, वह पानी आगे छोड़ा जा रहा है। विभाग द्वारा 29 गेटो में 25 गेटो को पूरी तरह से खोल दिया गया। पानी का बहाव इतना तेज है कि सतलुज का पानी पूरी गति के साथ आगे की तरफ बढ़ रहा है। जानकार बताते हैं कि फिरोजपुर के हुसैनीवाला हैडवर्कस से पानी पहले पाकिस्तान में प्रवेश करता है, उसके बाद वहां से टक्कर मारकर पानी फाजिल्का में चला जाता है।

दूसरी बार टूट गया पुल

शुक्रवार सुबह गांव हजारा का पुल डेढ़ माह में दूसरी बार टूटने के कारण एक बार फिर से सीमावर्ती 20 गांवों का देश से सम्पर्क टूट गया है। आर्मी, बीएसएफ और एनडीआरएफ द्वारा तुरंत राहत कार्य शुरू किया गया और पुल में आए कटाव को भरने का राहत कार्य शुरू किया गया।

ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भीड़ पुल को देखने के लिए उमड़ पड़ी, जिसके बाद आर्मी द्वारा लोगों को पीछे किया गया और पुल को भरने का कार्य शुरू किया गया। पिछली बार इस पुल को भरने के लिए अकाली सांसद सुखबीर सिंह बादल, पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी, पूर्व विधायक सुखपाल सिंह नन्नू द्वारा ग्रामीणों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी और ग्रामीणों द्वारा यहां पर मिट्टी के बैग लगाए गए थे।

उसके बाद एक माह तक प्रशासन ने पक्के तौर पर पुल को बनाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। शुक्रवार को फिर से पानी का तेज बहाव होने के कारण पुल फिर से किनारों से टूटना शुरू हो गया।

जान बचाने में जुटे रहे लोग

सीमावर्ती गांवों के मात्र अपने कपड़े लेकर सुरक्षित स्थानों पर जाते दिखे। घरों में तीन से चार फीट तक पानी खड़ा होने के कारण लोगों ने अपना सामान घर में ही छोड़ दिया। गांव टेंडीवाला के कुलजीत और गुरनाम सिंह ने बताया कि वह 5 किलोमीटर से अपनी भैंसों को पैदल पानी से लेकर आए है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर बांधेंगे। उन्होंने कहा कि पानी के कारण पशुओ में भी बीमारी फैलने के डर रहता है और गांव में 5 फीट तक पानी भर चुका है।

वहीं, हुसैनीवाला वर्कशॉप के हरप्रीत सिंह ने बताया कि सुबह 6 बजे उसके घर में पानी भर गया। घर खेतो में बना हुआ था, जिस कारण उसने घर के सारे सामान को सडक़ किनारे रख लिया है और वह किसी रिश्तेदार के घर पर जाकर शरण लेंगे।

BSF ने 426 लोगों को रेस्क्यू किया

बाढ़ प्रभावितों की सहायता के लिए सीमा सुरक्षा बल, भारतीय सेना, एनडीआरएफ सहित पंजाब पुलिस के जवानो द्वारा अहम भूमिका निभाई जा रही है। बीएसएफ द्वारा अभी तक 426 लोगों को बाहर निकाला जा रहा है तो वहीं सेना और एनडीआरएफ की टीमे भी किश्तियो के माध्यम से लोगो को गांवो से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर निकाल रही है।

वीरवार शाम गुरभेज सिंह नामक युवक जब अपने परिवार को लेकर आ रहा था कि अचानक वह तेज बहाव में बहने लगा। तभी एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा उसे बचाने के लिए बचाव कार्य तेज किया और सुरक्षित बाहर निकाला।

विधायक ने किया गांवों का दौरा

आप विधायक रणबीर भुल्लर द्वारा गांवों का दौरा किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावितो की सहायता के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और उन्हें भोजन से लेकर पशुओं की फीड तक मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पीड़ितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया जा रहा हैं। डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान और एसएसपी दीपक हिलौरी द्वारा बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया जा रहा है और लोगों की सहायता के प्रबंध देखे जा रहे हैं।

जिले में अधिकारियों की कमी

वहीं, इस समय जिले में अधिकारियों की कमी सबसे बड़ा मुद्दा है। अकेले डीसी के कंधो पर पूरे जिले का जिम्मा है। फिरोजपुर में एडीसी जरनल का पद पिछले दो माह से खाली है और एसडीएम का पद भी खाली है। पता चला है कि पिछले दिनों गुरमंद्र सिंह ने उप मंडल अधिकारी का पदाभार संभाला था, लेकिन वह भी छूट्टी पर चले गए हैं।


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